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16-Jun-2025 08:05 AM
By First Bihar
NEET UG 2025: नीट यूजी 2025 परीक्षा का रिजल्ट जारी होते ही मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने वाली है। एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेज में नामांकन के लिए मेडिकल काउंसिलिंग कमेटी (एमसीसी) की ओर से काउंसिलिंग प्रक्रिया संचालित की जाएगी, जिसमें सफल उम्मीदवारों को रजिस्ट्रेशन के साथ कॉलेज की प्राथमिकता चुननी होगी। रैंक के अनुसार कॉलेज का चयन बेहद महत्वपूर्ण होता है ताकि छात्र अपनी योग्यता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ कॉलेज में दाखिला प्राप्त कर सकें। काउंसिलिंग दो भागों में होगी। ऑल इंडिया कोटा के तहत 15 प्रतिशत और राज्य कोटा के तहत 85 प्रतिशत सीटों पर।
ऑल इंडिया कोटा के तहत देश के विभिन्न मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में दाखिले होंगे, जबकि बिहार सहित प्रत्येक राज्य अपने राज्य कोटा के तहत काउंसिलिंग का शेड्यूल जारी करता है। बिहार में इस प्रक्रिया के लिए बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद (बीसीईसीईबी) रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करेगा। इस बार बिहार में सारण और समस्तीपुर में दो नए मेडिकल कॉलेज शुरू होने की संभावना है, जिससे मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में राज्य का दायरा और विस्तृत होगा।
वर्तमान में बिहार में कुल 1490 एमबीबीएस और 140 बीडीएस सीटें उपलब्ध हैं, जो मिलाकर 1630 सीटें बनती हैं। इनमें से 15 प्रतिशत सीटें ऑल इंडिया कोटा के अंतर्गत आती हैं, जबकि बाकी 85 प्रतिशत सीटें राज्य कोटे के अंतर्गत। भविष्य में एमबीबीएस सीटों में 200 की वृद्धि होने से राज्य के मेडिकल कॉलेजों में कुल सीटें बढ़कर 1690 हो जाएंगी। प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में पीएमसी पटना में 200, डीएमसी लहेरियासराय में 120, भागलपुर में 120, एनएमसी पटना में 150, मुजफ्फरपुर में 120, गया में 120, आईजीआईएमएस पटना में 120, जीएमसी बेतिया में 120, विम्स पावापुरी में 120, मधेपुरा में 100, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज बिहटा में 100, जीएमसी पूर्णिया में 100, पटना डेंटल कॉलेज में 40 और रहुई डेंटल कॉलेज में 100 सीटें हैं।
देश भर में बीडीएस की सीटें 27 हजार से अधिक हैं, जबकि एमबीबीएस, डेंटल, होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी समेत सभी मेडिकल कोर्सेज में कुल लगभग दो लाख सीटें उपलब्ध हैं। नीट यूजी परीक्षा के जरिए छात्र एमबीबीएस, बीडीएस, बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) जैसे विभिन्न कोर्सेज में दाखिला पाते हैं। आगामी काउंसिलिंग में छात्रों को सावधानीपूर्वक कॉलेज चयन करना होगा ताकि वे अपनी रैंक के अनुसार सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्राप्त कर सकें।
इसके साथ ही, बिहार में मेडिकल शिक्षा के विस्तार के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच दोनों में सुधार होगा। नए मेडिकल कॉलेजों के उद्घाटन से राज्य के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के छात्रों को भी उच्च गुणवत्ता वाली मेडिकल शिक्षा मिलने में मदद मिलेगी। मेडिकल शिक्षा में तकनीकी सुधार, आधुनिक उपकरणों का समावेश और डिजिटल काउंसिलिंग प्रणाली के माध्यम से दाखिले की प्रक्रिया को और पारदर्शी और सहज बनाया जा रहा है। इससे नीट क्वालिफाइड छात्रों के लिए बेहतर अवसर सुनिश्चित होंगे।