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20-Sep-2025 01:48 PM
By First Bihar
BIHAR NEWS : बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ नशे के कारोबार, साइबर अपराध और संगठित अपराधी गिरोहों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़े खुलासे किए।
सबसे पहले उन्होंने आधार डेटा गड़बड़ी से जुड़े एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करने की जानकारी दी। मधेपुरा जिले से पुलिस ने तीन आरोपियों—रामप्रवेश कुमार, विकास कुमार और मिथिलेश कुमार—को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी फर्जी वेबसाइट बनाकर आम लोगों का आधार डेटा इकट्ठा करते थे और फिर उसे बेचने के साथ-साथ दुरुपयोग भी करते थे। चौंकाने वाली बात यह रही कि इन आरोपियों ने अपराध की पूरी ट्रेनिंग गूगल और यूट्यूब से हासिल की थी। एडीजी खान के अनुसार, इस तरह का मामला देश में पहली बार सामने आया है और भविष्य में इसे रोकने के लिए भारत सरकार को मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाने की सख्त आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी इसका असर दिख सकता है। इसी कारण पुलिस मुख्यालय ने साइबर सेल और अन्य विशेष इकाइयों को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों पर सतत निगरानी रखी जाए और समय-समय पर जांच अभियान चलाया जाए।
इसी दौरान एडीजी ने नशे के कारोबार से जुड़े नेटवर्क पर भी गंभीर खुलासा किया। उन्होंने बताया कि बिहार में मादक पदार्थों की सप्लाई मुख्य रूप से सीमावर्ती और बाहरी राज्यों से हो रही है। नागालैंड और नॉर्थ-ईस्ट के इलाकों से भारी मात्रा में नशा लाया जा रहा है। इसके अलावा ओडिशा अब एक नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। पश्चिम बंगाल और नेपाल की ओर से भी लगातार सप्लाई की जा रही है।
पुलिस ने साफ किया कि चुनावी माहौल में इन गतिविधियों पर पूरी तरह नकेल कसना उनकी प्राथमिकता है। इसके लिए सीमांचल और सीमावर्ती जिलों में जल्द ही बड़ी बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें स्थानीय लोगों को भी शामिल कर पुलिस-जन सहयोग और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा दिया जाएगा। इतना ही नहीं, एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने पेपर लीक माफिया पर की गई कार्रवाई का भी खुलासा किया।
इस मामले में पुलिस ने अश्विनी कुमार उर्फ बबलू को गिरफ्तार किया है, जो नीट पेपर लीक मामले में अहम भूमिका निभा चुका है। जांच में यह भी सामने आया है कि वह स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) की परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों से भी जुड़ा हुआ है। इस गिरफ्तारी के बाद पेपर माफिया नेटवर्क की कई कड़ियां खुलने की उम्मीद जताई जा रही है।
पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट किया कि चुनावी मौसम में अपराधियों और अवैध कारोबारियों की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। ऐसे में नशा, साइबर अपराध और पेपर माफिया जैसे नेटवर्क को ध्वस्त करना बेहद जरूरी है। एक ही दिन में आधार डेटा गड़बड़ी, नशे के कारोबार और पेपर लीक जैसे तीन बड़े मामलों का खुलासा कर बिहार पुलिस ने अपने एक्शन मोड का सबूत दिया है।
एडीजी ने कहा, “चुनाव के दौरान हमारी प्राथमिकता राज्य को सुरक्षित और पारदर्शी माहौल देना है। इसके लिए एक ठोस कार्ययोजना बनाई गई है और सख्ती से उसे लागू किया जाएगा।” कुल मिलाकर, बिहार पुलिस की हालिया कार्रवाई ने जहां अपराधियों की नींद हराम कर दी है, वहीं आम जनता और मतदाताओं को यह संदेश देने की कोशिश की है कि राज्य में सुरक्षित और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पुलिस पूरी तरह तैयार है।