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25-Aug-2025 06:56 PM
By First Bihar
PATNA: पटना से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है जो राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से जुड़ी हुई है। संविदा शर्तों का उल्लंघन करने पर 110 विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण, कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिक को बर्खास्त कर दिया गया है। इन पर हड़ताल भड़काने और राजस्व महा-अभियान में बाधा डालने का आरोप लगा है।
अब हड़ताल में शामिल सभी नियोजित कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल में नियोजित दस हजार से ज्यादा कर्मी आंदोलन पर हैं। इनके हड़ताल पर चले जाने से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा चलाए जा रहे राजस्व महा-अभियान अभियान प्रभावित हो रहा है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने हड़ताल भड़काने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में 110 विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिक की संविदा सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। इनमें तथाकथित संघ की अध्यक्ष रौशन आरा और सचिव विभूति कुमार के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। उपरोक्त दोनों के खिलाफ उनके जिले के बंदोबस्त पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के आलोक में कार्रवाई की गई है।
भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि बर्खास्त किए गए विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिक ने अनुचित मांगों को लेकर हड़ताल की राह अपनाई और विभागीय कार्य बाधित किया। इनमें से कुछ ने तथाकथित संघों के बैनर तले आंदोलन का आह्वान किया, जबकि कई लोग एकाएक कर्तव्य से अनुपस्थित हो गए।
निदेशक जे० प्रियदर्शिनी द्वारा जारी आदेश में विशेष रूप से उल्लेख है कि संघ की अध्यक्ष रौशन आरा ने तथाकथित संघ की अध्यक्ष की हैसियत से 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया। वहीं संघ के सचिव विभूति कुमार उसी दिन से अपने दायित्वों का निर्वहन छोड़कर हड़ताल पर चले गए। विभाग ने माना कि इनका आचरण अनुशासनहीनता और सरकारी आदेश की अवहेलना की श्रेणी में आता है।
विभाग ने स्पष्ट किया कि सभी संविदा विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिक की नियुक्ति संविदा नियमावली 2019 एवं संशोधित नियमावली 2022 के तहत हुई थी। नियमों के मुताबिक यह सेवा किसी भी परिस्थिति में नियमित नियुक्ति में परिवर्तित नहीं होगी। इसके बावजूद पदनाम बदलने, नियमितीकरण और समतुल्य वेतनमान जैसी अनुचित मांगों को लेकर हड़ताल पर जाना शपथपत्र और संविदा शर्तों का खुला उल्लंघन है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि हड़ताल से सरकार के महत्वाकांक्षी राजस्व महा–अभियान की गति प्रभावित हुई। इस अभियान के तहत राज्यभर में जमाबंदी में त्रुटि सुधार, ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करना, बंटवारा नामांतरण और उत्तराधिकार नामांतरण जैसी सेवाएं आमजन तक पहुंचाई जा रही हैं। ऐसे में हड़ताल का कदम जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाला साबित हुआ। इसी आधार पर विभाग ने कठोर कार्रवाई करते हुए नियमावली की धारा 8(4) के तहत 110 संविदा सर्वेक्षण कर्मियों की संविदा सेवा समाप्त कर दी है। विभाग के स्तर से कार्य से अनुपस्थित अन्य सभी पर भी कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।