BPSC AEDO एग्जाम स्थगित: 10 से 16 जनवरी तक होने वाली परीक्षा टली, जल्द घोषित होगा नया डेट BPSC AEDO एग्जाम स्थगित: 10 से 16 जनवरी तक होने वाली परीक्षा टली, जल्द घोषित होगा नया डेट Patna News: पटना में ऑटो पकड़ने के लिए अब भटकने की जरूरत नहीं, नीतीश सरकार ने कर दी हाइटेक व्यवस्था Patna News: पटना में ऑटो पकड़ने के लिए अब भटकने की जरूरत नहीं, नीतीश सरकार ने कर दी हाइटेक व्यवस्था Bihar News: बिहार में तांडव मचा रहे अपराधी, बिल्ले की तलाश में खाक छान रही पुलिस; सामने आया हैरान करने वाला मामला Bihar News: बिहार में तांडव मचा रहे अपराधी, बिल्ले की तलाश में खाक छान रही पुलिस; सामने आया हैरान करने वाला मामला Bihar News: ऑर्केस्ट्रा गर्ल के साथ ठुमके लगाने वाले सरकारी शिक्षक का एक और वीडियो वायरल, स्कूल में बच्चों से बॉडी मसाज कराते दिखे Bihar News: ऑर्केस्ट्रा गर्ल के साथ ठुमके लगाने वाले सरकारी शिक्षक का एक और वीडियो वायरल, स्कूल में बच्चों से बॉडी मसाज कराते दिखे घुड़सवार बनने की राह पर बिहार की 'हॉर्स गर्ल', 15 साल की नीतू ने थामा घोड़े का लगाम Bihar Bhumi: नेता से लेकर अफसर ...डॉक्टर से लेकर ठेकेदारों की बेचैनी बढ़ी, बेतिया राज की 7600 एकड़ जमीन करायी जायेगी खाली
29-Dec-2025 02:44 PM
By First Bihar
JP University Online Reporting : जयप्रकाश विश्वविद्यालय (जेपीयू) और इसके अंतर्गत आने वाले छपरा, सिवान व गोपालगंज जिले के सभी अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों में अब पठन-पाठन की प्रतिदिन ऑनलाइन रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी गई है। इस नई व्यवस्था के तहत कक्षाओं में शिक्षकों द्वारा क्या पढ़ाया गया, किस विषय की कक्षा चली और कौन-सा प्राध्यापक पढ़ा रहा था, इसकी पूरी जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। इस प्रणाली की सीधी निगरानी राज्यपाल सचिवालय द्वारा की जाएगी।
इस संबंध में राज्यपाल सचिवालय की ओर से जेपी विश्वविद्यालय सहित राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को औपचारिक पत्र भेजा गया है। पत्र में प्रधान सचिव डॉ. राबर्ट एल चांग्धू ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी वेबसाइट को अपडेट कर 15 दिनों के भीतर इस व्यवस्था को पूरी तरह लागू करे। साथ ही आदेश के अनुपालन से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट लोक भवन को उपलब्ध कराना भी अनिवार्य होगा।
तीन बिंदुओं पर अनिवार्य होगी जानकारी
निर्देश के अनुसार विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रतिदिन तीन प्रमुख बिंदुओं से जुड़ी जानकारी अपलोड की जाएगी। पहला, संकायवार यह विवरण कि किस दिन कौन-कौन सी कक्षाएं संचालित हुईं। दूसरा, संबंधित विषय पढ़ाने वाले प्राध्यापकों के नाम और तीसरा, उस दिन पढ़ाए गए पाठ्यक्रम या टॉपिक की जानकारी। इससे यह पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगा कि किसी विशेष दिन किस विषय की कक्षा चली और छात्रों को क्या पढ़ाया गया।
विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि इस पहल से न केवल कक्षा संचालन में पारदर्शिता आएगी, बल्कि शिक्षकों और कॉलेज प्रशासन की जवाबदेही भी तय होगी। राज्यपाल सचिवालय द्वारा सीधे निगरानी होने के कारण लापरवाही की गुंजाइश कम हो जाएगी।
कम होती उपस्थिति बनी चिंता का कारण
राज्यपाल सचिवालय के अनुसार कॉलेजों में छात्रों की लगातार घटती उपस्थिति एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। नामांकन के बाद जब स्नातक और पीजी पाठ्यक्रमों के प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू होती हैं, तो शुरुआती कुछ दिनों तक छात्रों की उपस्थिति संतोषजनक रहती है। लेकिन कुछ ही समय बाद बड़ी संख्या में छात्र कक्षाओं से गायब होने लगते हैं।
स्थिति यह है कि कई विषयों में 300 से 350 से अधिक नामांकन होने के बावजूद कक्षाओं में केवल 10 से 15 छात्र ही नजर आते हैं। कम उपस्थिति के कारण कई कॉलेजों में शिक्षक भी नियमित रूप से कक्षाएं संचालित नहीं कर पाते। इसका सीधा असर पढ़ाई की गुणवत्ता और सत्र की नियमितता पर पड़ता है। नई ऑनलाइन रिपोर्टिंग व्यवस्था के जरिए इस समस्या पर नियंत्रण पाने का प्रयास किया जा रहा है।
सेमेस्टर सिस्टम से बढ़ा शैक्षणिक दबाव
सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद स्नातक पाठ्यक्रमों में हर छह महीने में परीक्षा कराना अनिवार्य हो गया है। इसके अलावा इंटरनल परीक्षा, अगले सेमेस्टर में नामांकन, परीक्षा फॉर्म भरना, मूल्यांकन और अन्य प्रशासनिक कार्यों में काफी समय खर्च हो जाता है। परिणामस्वरूप नियमित कक्षा संचालन के लिए सीमित समय ही बच पाता है।
कई बार शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने के लिए तीन महीने या उससे भी कम अवधि में सेमेस्टर परीक्षाएं आयोजित कर दी जाती हैं। इसका सीधा असर कक्षाओं पर पड़ता है और पाठ्यक्रम पूरा कर पाना चुनौती बन जाता है। ऑनलाइन रिपोर्टिंग से यह स्पष्ट होगा कि सीमित समय में भी कितनी नियमित पढ़ाई हो पा रही है।
परीक्षा कैलेंडर भी होगा ऑनलाइन
नई व्यवस्था के तहत विश्वविद्यालयों को अपनी वेबसाइट पर स्नातक से लेकर पीजी तक की सभी आगामी परीक्षाओं का विस्तृत कैलेंडर भी अपलोड करना होगा। इसमें यह जानकारी होगी कि कौन-सी परीक्षा कब शुरू होगी और कब समाप्त होगी। इससे छात्र-छात्राओं को पहले से अपनी पढ़ाई और तैयारी की योजना बनाने में सुविधा मिलेगी।
इसके साथ ही परीक्षा कैलेंडर के ऑनलाइन होने से यह भी साफ दिखाई देगा कि विश्वविद्यालय का शैक्षणिक सत्र समय पर चल रहा है या नहीं। देरी या अनियमितता की स्थिति में जिम्मेदार विभागों की पहचान करना आसान होगा।
पारदर्शिता और गुणवत्ता सुधार की उम्मीद
शैक्षणिक जानकारों का मानना है कि यह पहल उच्च शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि इस व्यवस्था को ईमानदारी से लागू किया गया, तो न केवल कक्षा संचालन नियमित होगा, बल्कि छात्रों का भरोसा भी शिक्षा व्यवस्था पर बढ़ेगा। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जेपी विश्वविद्यालय और उसके संबद्ध कॉलेज इस आदेश को कितनी प्रभावी ढंग से जमीन पर उतार पाते हैं।