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Bihar education news : बिहार में फर्जी शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई, निगरानी ब्यूरो ने हज़ारों टीचर के दस्तावेज़ों को खंगाला; जानिए पूरा डाटा

बिहार में शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Bureau of Investigation) द्वारा शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों की व्यापक जांच की जा रही है।

Bihar education news : बिहार में फर्जी शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई, निगरानी ब्यूरो ने हज़ारों टीचर के दस्तावेज़ों को खंगाला; जानिए पूरा डाटा

31-Dec-2025 02:57 PM

By First Bihar

Bihar education news : बिहार के निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Bureau of Investigation) द्वारा इस साल हाई कोर्ट के आदेश पर कई शिक्षकों के दस्तावेज की जांच की गई है।दरअसल पटना हाई कोर्ट सी०डब्ल्यू० जे०सी० सं०-15459/14, रंजीत पंडित एवं अन्य बनाम बिहार सरकार एवं निगरानी जांच संख्या बी०एस०-08/15 के आदेश के तहत वर्ष 2006 से 2015 तक नियुक्त शिक्षकों/शिक्षिकाओं के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की जांच की जा रही है। इस जांच का उद्देश्य उन शिक्षकों की पहचान करना है जिनके प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए हों और उन्हें नियमानुसार दंडित करना।


निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि 30 दिसंबर 2025 तक कुल 6,56,395 प्रमाण-पत्रों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। जांच में सामने आया कि कई शिक्षकों के प्रमाण-पत्र असली नहीं थे। इस गंभीर मामले में बिहार राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 1,711 फर्जी प्रमाण-पत्रों से जुड़े कांड दर्ज किए गए हैं, जिनमें कुल 2,916 अभियुक्त शामिल हैं। यह संख्या राज्य के शिक्षा तंत्र में फर्जीवाड़े की व्यापकता को दर्शाती है और यह साबित करती है कि शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता और प्रमाणिकता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।


विशेष रूप से जनवरी 2025 से 30 दिसंबर 2025 तक की अवधि में निगरानी ब्यूरो ने राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 130 मामले दर्ज किए, जिनमें 130 अभियुक्त शामिल हैं। महीनेवार विवरण के अनुसार जनवरी में 15, फरवरी में 5, मार्च में 21, अप्रैल में 13, मई में 9, जून में 6, जुलाई में 12, अगस्त में 12, सितंबर में 10, अक्टूबर में 8, नवम्बर में 15 और दिसम्बर में 4 मामले दर्ज किए गए। यह आंकड़ा साफ तौर पर दिखाता है कि पूरे साल लगातार फर्जी प्रमाण-पत्रों के मामले सामने आते रहे।


फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध FIR दर्ज कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जा चुकी है। इस कार्रवाई का उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखना है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में शिक्षा क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति असत्य प्रमाण-पत्र के माध्यम से नौकरी न पा सके।


यह अभियान न केवल दोषियों को सजा दिलाने के लिए है, बल्कि यह आम जनता और विद्यार्थियों के हित में भी है। शिक्षकों की गुणवत्ता और उनकी शैक्षणिक योग्यता पर निगरानी रखने से शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और विद्यार्थियों को सही दिशा में मार्गदर्शन मिलेगा। इस प्रकार की जांच यह भी साबित करती है कि बिहार सरकार और निगरानी अन्वेषण ब्यूरो फर्जीवाड़े को रोकने के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं।


अंततः यह स्पष्ट है कि बिहार में शिक्षा क्षेत्र को सुरक्षित और प्रमाणिक बनाने के लिए निगरानी जांच लगातार जारी रहेगी। जो भी व्यक्ति फर्जी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। इस प्रकार के कदमों से भविष्य में शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।