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07-Feb-2025 05:58 PM
By Viveka Nand
Bihar Land Survey: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने डीसीएलआर का पावर कट कर सीओ को दे दिया है. यानि सीओ इन और डीसीएलआर आउट हो गए। डीसीएलआर से अधिकार लेकर सीओ को लॉक जमाबंदी की जांच कर खोलने का अधिकार देने के पीछे आखिर क्या तर्क है ? राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जो तर्क दिए हैं, वो गले के नीचे से नहीं उतर रहा.
सीओ को अधिकार देने के पीछे विभाग का क्या है तर्क? जानें...
डिजिटाइजेशन के दौरान हुई कई तरह की त्रुटियों के कारण लॉक की गई जमाबंदी को अनलॉक करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में निदेशक, चकबंदी ने सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखा है. जमाबंदी अनलॉक करने का काम अब सीओ करेंगे. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से तर्क दिया गया है कि विभागीय बैठकों में भूमि सुधार उप समाहर्ताओं द्वारा बताया गया कि रैयती भूमि की जमाबंदी सृजन का साक्ष्य अंचलों द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं. इस कारण उन्हें निर्णय लेने में परेशानी हो रही है। इसके बाद अब यह काम सीओ के हवाले कर दिया गया.
पहले भी डीएम को लिखा गया था पत्र- विभाग
विभाग ने कहा है कि पूर्व में भी इस संबंध में एक पत्र चकबंदी निदेशक द्वारा सभी जिला पदाधिकारियों को लिखा गया था। पत्र में कहा गया था कि लॉक जमाबंदी की जांच के क्रम में रैयती भूमि का मामला पाया जाता है तो उसे अनलॉक करने की कार्रवाई करके उसकी सूची मौजावार पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाए। डिजिटाइजेशन के क्रम में कुछ जमाबंदियों रैयतों के नाम, खाता, खेसरा, रकवा एवं लगान से संबंधित विवरणों में अशुद्धियां रह गई थीं। साथ ही अनेक रैयतों की जमाबंदी ऑनलाइन नहीं की जा सकी थी। बाद में शिकायत मिली की अंचलों में ऐसी छूटी हुई जमाबंदियों को गलत तरीके से पंजी-2 में जमाबंदी कायम कर दिया गया, फिर उसे ऑनलाइन कर दिया गया। इस प्रकार की 9.65 हजार जमाबंदियों को छूटा हुआ बताकर ऑनलाइन कर दिया गया था।
अंचल अधिकारियों को मिली बड़ी जिम्मेदारी
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से बताया गया है कि लॉक जमाबंदी में सरकारी भूमि शामिल होने पर अंचल अधिकारी द्वारा अभिलेख खोलकर उसकी जांच की जाएगी। सरकारी भूमि पाए जाने की स्थिति में संबंधित पक्ष को नोटिस निर्गत किया जायेगा. उसे उचित अवसर प्रदान करते हुए उसे रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। जांच के क्रम में सरकारी भूमि से अलग अर्थात रैयती स्वरूप की भूमि पाए जाने पर उसे अनलॉक करने की कार्रवाई की जाएगी. विभागीय समीक्षा में यह पाया गया कि लंबे समय से यह प्रक्रिया जारी रहने के बावजूद डिजिटाइजेशन के दौरान छूटी हुई जमाबंदी की वैधता की जांच एवं उसे लॉक/अनलॉक करने की कार्रवाई नहीं की जा रही है.
10 लाख जमाबंदी संदेहास्पद-दिलीप जायसवाल
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि करीब 10 लाख जमाबंदियों को संदेहास्पद पाया गया था। जांच में तेजी लाने के लिए इस काम को भूमि सुधार उप समाहर्ताओं से लेकर अंचल अधिकारियों को दिया गया है। साथ ही उन्हें रैयती भूमि की जांच कर उन जमाबंदियों को शीघ्र अनलॉक करने का निदेश दिया गया है ताकि आमलोगों को दाखिल-खारिज के काम में कोई असुविधा नहीं हो।