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14-Dec-2025 07:54 AM
By First Bihar
Electricity Bill : बिजली आज आधुनिक जीवन की सबसे अहम ज़रूरतों में से एक बन चुकी है। घरों में रोशनी, पंखा, फ्रिज, मोबाइल चार्जिंग से लेकर उद्योग, व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक हर क्षेत्र बिजली पर निर्भर है। ऐसे में बिजली बिलिंग को लेकर अगर गड़बड़ी हो, तो आम उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ जाती है। इसी समस्या को दूर करने के लिए बिजली विभाग ने एक अहम और दूरगामी फैसला लिया है, जिससे लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है।
बिजली विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब मीटर रीडिंग की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए निजी संस्थान के मीटर रीडर के साथ एक विभागीय कर्मचारी को भी तैनात किया जाएगा। यह दोनों की संयुक्त टीम हर दो महीने में एक बार उपभोक्ताओं के घर जाकर मीटर रीडिंग लेगी। विभागीय कर्मचारी की मौजूदगी से रीडिंग में गड़बड़ी, मनमानी और गलत आंकड़ों की शिकायतों पर काफी हद तक रोक लगेगी। उपभोक्ताओं को अब सही रीडिंग के आधार पर ही बिल मिलेगा।
अब तक कई इलाकों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि मीटर रीडर समय पर नहीं पहुंचते या फिर बिना सही रीडिंग लिए अनुमान के आधार पर बिल थमा दिया जाता है। खराब रास्ते, दूर-दराज के गांव, बरसात के मौसम में बाढ़ और अन्य प्राकृतिक बाधाओं के कारण मीटर रीडिंग का काम प्रभावित होता रहा है। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ता था, जिन्हें अचानक ज्यादा बिल चुकाना पड़ता था और विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे।
इन्हीं व्यावहारिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बिजली विभाग ने मासिक बिलिंग की जगह अब दो महीने में एक बार बिलिंग करने का निर्णय लिया है। विभाग का मानना है कि दो महीने की अवधि में मीटर रीडिंग के लिए पर्याप्त समय मिलेगा और हर उपभोक्ता तक टीम आसानी से पहुंच सकेगी। इससे गलत रीडिंग और अनुमानित बिल की समस्या में कमी आएगी, खासकर ग्रामीण इलाकों में यह व्यवस्था ज्यादा प्रभावी साबित होगी।
इसके साथ ही बिजली विभाग बिलिंग व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए तकनीक का सहारा लेने जा रहा है। उपभोक्ताओं के कनेक्शन की जीपीएस मैपिंग की तैयारी शुरू की जा रही है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कौन-सा उपभोक्ता कहां रहता है, उसका कनेक्शन वैध है या नहीं और मीटर की स्थिति क्या है। जीपीएस मैपिंग से फर्जी कनेक्शन और रिकॉर्ड में गड़बड़ी पर भी लगाम लगेगी।
आने वाले समय में सभी कलेक्शन क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया भी तेज की जाएगी। स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली की खपत की जानकारी सीधे सिस्टम में दर्ज होगी, जिससे मानव हस्तक्षेप कम होगा और उपभोक्ताओं को रियल टाइम डेटा मिल सकेगा। इससे न सिर्फ बिलिंग प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि बिजली चोरी पर भी प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सकेगा।
बिजली विभाग का कहना है कि इन सभी सुधारों का मकसद उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देना और विभाग के प्रति भरोसा बढ़ाना है। सही रीडिंग, पारदर्शी बिलिंग और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान संभव होगा। कुल मिलाकर, बिजली बिलिंग व्यवस्था में किया गया यह बदलाव उपभोक्ताओं के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे भविष्य में विवाद और शिकायतें काफी हद तक कम होने की उम्मीद है।