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09-May-2025 07:29 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के पश्चिम चम्पारण में वर्षों की प्रतीक्षा और उपेक्षा के बाद वाल्मीकिनगर हवाई अड्डे को आखिरकार केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'उड़ान योजना' (UDAN - Ude Desh ka Aam Nagrik) के तहत हवाई सेवा की औपचारिक स्वीकृति मिल गई है। यह फैसला न केवल वाल्मीकिनगर के लोगों के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि यह पर्यटन, व्यापार और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी एक नए युग की शुरुआत साबित हो सकता है।
भारत सरकार के नागर विमानन मंत्री राममोहन नायडू किनजरापु ने वाल्मीकिनगर से सांसद सुनील कुमार को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी। यह पत्र 28 अप्रैल 2025 को जारी किया गया था, जिसमें स्पष्ट किया गया कि 19 सीटर छोटे विमानों का संचालन वाल्मीकिनगर एयरस्ट्रिप से किया जाएगा। यह प्रस्ताव केंद्र से बिहार सरकार को भेजा गया था, जिसे राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि हवाई पट्टी की ज़मीन बिना किसी शुल्क और बाधा के उपलब्ध कराई जाएगी, और हवाई पट्टी के आसपास का क्षेत्र छोटे विमान संचालन के लिए तकनीकी रूप से उपयुक्त बनाया जाएगा।
वाल्मीकिनगर हवाई सेवा की शुरुआत से सबसे बड़ा लाभ वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध पर्यटन स्थल को होगा। साथ ही, इससे पश्चिम चंपारण के पर्यटन, व्यापार और स्थानीय रोजगार में तेज़ी आएगी। हवाई कनेक्टिविटी से आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भी तेज़ और प्रभावी प्रतिक्रिया संभव होगी। उड़ान योजना के तहत देशभर में छोटे शहरों को हवाई सेवाओं से जोड़ने की पहल की जा रही है। इसमें एयरस्ट्रिप, हेलिपैड और वॉटर एयरोड्रम के पुनरुद्धार और तकनीकी उन्नयन पर जोर दिया गया है। वाल्मीकिनगर एयरपोर्ट का चयन इसी दिशा में एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
वाल्मीकिनगर के सांसद सुनील कुमार ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "यह सपना सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की जनता का था जो अब साकार होने जा रहा है। इस फैसले के लिए मैं केंद्र सरकार और नागर विमानन मंत्रालय का दिल से आभार व्यक्त करता हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि इससे न सिर्फ स्थानीय जनता को हवाई सुविधा मिलेगी, बल्कि क्षेत्र में व्यापक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन भी देखने को मिलेगा।