विशेष राज्य के दर्जे को लेकर जेडीयू सांसदों की गोलबंदी, दिल्ली में हुई बैठक

विशेष राज्य के दर्जे को लेकर जेडीयू सांसदों की गोलबंदी, दिल्ली में हुई बैठक

DELHI: विशेष राज्य के दर्जे को लेकर जेडीयू सांसद गोलबंद दिखे। इसे लेकर दिल्ली में जेडीयू सांसदों की आज अहम बैठक हुई। सांसद दिलेश्वर कामत के आवास पर हुई बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मौजूद रहें। केंद्रीय मंत्री आरसीपी की अध्यक्षता में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्यसभा के उपसभापति डॉ. हरिवंश भी शामिल हुए। बताया जाता है कि बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर चर्चा हुई। 


बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर एनडीए के बीच दरार देखने मिल रही है। बीते दिनों इस मामले को लेकर सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम रेणु देवी आमने-सामने आ गए। नीतीश कुमार ने इशारों-इशारों में डिप्टी सीएम को नासमझ तक कह दिया था। उन्होंने यह कहा था कि बिहार के डिप्टी सीएम को कुछ भी मालूम नहीं है। वह आएंगी तब उन्हें हम बताएंगे की स्थिति क्या है और विशेष राज्य का दर्जा बिहार के लिए कैसे जरूरी है। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट को सरकार ने भेजा है किसी मंत्री ने नहीं भेजा है। बता दें कि बीते दिनों बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा था कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत नहीं है। 


वही बिहार को पिछड़ा करार देकर विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे नीतीश कुमार और उनके सिपाहसलारों को आज लोकसभा में बीजेपी के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने धो दिया। रूडी ने कहा कि बिहार के विकास के लिए राज्य सरकार के पास कोई नीति नहीं है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बिहार की मदद कर रही है औऱ ज्यादा करना चाहती है लेकिन जब राज्य सरकार के पास नीति ही नहीं होगी तो केंद्र सरकार कैसे मदद करेगी।


राजीव प्रताप रूडी आज लोकसभा में बिहार को विशेष राज्य देने के मामले पर बोलने के लिए उठ खड़े हुए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कह रहे हैं कि बिहार पिछड़ा है. वे भी मानते हैं कि बिहार पिछड़ा है. लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हमेशा कहा है कि बिहार पिछड़ा है तो उसे छोड़ा नहीं जायेगा. बिहार को विकास के लिए जितने पैसे की जरूरत है केंद्र सरकार देगी. लेकिन रूडी ने बिहार सरकार की नीति को लेकर बेहद गंभीर सवाल उठाये. 


उन्होंने कहा कि बिहार में निवेश की बात की जाती है लेकिन जहां निवेश चाहिये, वहां नीति की जरूरत होती है. नीति के आधार पर ही केंद्र सरकार मदद देती है. अगर बिहार को पिछड़े राज्य का दर्जा मिलना चाहिये तो नीति क्या है. रूडी ने नीतीश सरकार पर तीखे सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि बिहार से लाखों छात्र पढ़ने के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं, उन्हें रोकने के लिए क्या नीति बनायी गयी है.  


बीजेपी सांसद ने कहा कि करोड़ों की संख्या में गरीब-मजदूर रोजगार की तलाश में बिहार से बाहर जाते हैं. उनको बिहार में रोकने की नीति क्या है. बिहार में ऐसी नीति नहीं दिखती. रूडी ने कहा कि बिहार में खेलकूद की भी कोई संरचना नहीं है. बिहार में ऐसा कोई स्टेडियम नहीं है जिसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कोई खेलकूद प्रतियोगिता करायी जा सकी. आज तक एक भी ऐसा खेल जो दुनिया के स्तर पर होता है वैसा कोई इंटरनेशनल मुकाबला बिहार में नहीं हुआ. इसके लिए क्या नीति है. 


रूडी ने कहा कि बिहार में एक भी ग्रीनफील्ड यानि नया एयरपोर्ट नहीं बना. देश के कई दूसरे राज्यों में ग्रीनफील्ड यानि नया एयरपोर्ट बना लेकिन बिहार में अब तक एक भी नहीं बना. बिहार में इसके लिए नीति क्या है. बिहार के सबसे ज्यादा छात्र कोटा जाकर पढ़ते हैं, बिहार में पढ़ाई की नीति क्या है. 


नीतीश नीति बतायें 

रूडी ने कहा कि बिहार सरकार को अपनी नीति बतानी चाहिये. गरीबों, मजदूरों, किसानों और छात्रों के लिए उनकी नीति क्या है. अगर वे अपनी नीति बतायेंगे तब हम उनकी बात को आगे बढ़ा पायेंगे. नीति होगी तो निवेश की बात भी आगे बढ़ेगी. 


BJP दे रही नीतीश को जवाब

दरअसल जब नीति आयोग ने बिहार को देश में सबसे पिछड़ा राज्य बताया है तब  से नीतीश ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मुहिम छेड़ दी है. लेकिन बीजेपी के नेता हर रोज उनके दावों को नकार रहे हैं. पहले डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा कि बिहार को केंद्र सरकार पर्याप्त मदद कर रही है इसलिए विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत नहीं है. इससे नाराज नीतीश ने अपनी डिप्टी सीएम के बारे में ही कह दिया कि उन्हें जानकारी नहीं है. लेकिन नीतीश के बय़ान के बाद फिर से सूबे के श्रम मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि बिहार को केंद्र सरकार पर्याप्त मदद दे रही है इसलिए विशेष राज्य के दर्जे का सवाल नहीं है. अब संसद में राजीव प्रताप रूडी ने नीतीश कुमार पर गंभीर सवाल उठा दिये हैं.