तेजस्वी ने उठाया NEET एग्जाम में OBC के लिए आरक्षण का मुद्दा, बोले- मोदी सरकार ने ओबीसी कैंडिडेट की पीठ में घोंपा खंजर

तेजस्वी ने उठाया NEET एग्जाम में OBC के लिए आरक्षण का मुद्दा, बोले- मोदी सरकार ने ओबीसी कैंडिडेट की पीठ में घोंपा खंजर

PATNA : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीट एग्जाम में पिछड़ा और अतिपिछड़ा कैंडिडेट्स के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाया. नीट एग्जाम के जरिये मेडिकल संस्थानों में होने वाले एडमिशन में ओबीसी छात्रों को आरक्षण की सुविधा नहीं मिल पा रही है. जिसे लेकर तेजस्वी ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. तेजस्वी ने बुधवार को ट्वीट कर देश के प्रधानमंत्री से पूछा कि मोदी जी ओबीसी से घृणा क्यों?


तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा कि "मोदी सरकार ने मेडिकल एंट्रेंस NEET के अखिल भारतीय कोटा में पिछड़ों का आरक्षण लागू किए बिना ही प्रवेश परीक्षा की घोषणा कर हज़ारों पिछड़े और अतिपिछड़े वर्गों की पीठ में ख़ंजर घोंपने का काम किया है. BJP, RSS और केंद्र सरकार, पिछड़े वर्गों के सभी हक़ों को छिन उन्हें हलाल कर रही है."


एक अन्य ट्वीट में नेता प्रतिपक्ष ने लिखा कि "मोदी सरकार क्यों नहीं चाहती कि पिछड़े वर्गों के छात्र डॉक्टर बने? आख़िर भाजपा को देश के 60% फ़ीसदी से अधिक आबादी वाले पिछड़े और अतिपिछड़ों से नफ़रत क्यों है? नीतीश कुमार जैसे BJP के सहयोगी NEET परीक्षा में पिछड़ों का आरक्षण ख़त्म करवाने पर क्यों तुले है? मोदी जी OBC से घृणा क्यों?"




दरअसल अखिल भारतीय कोटा के तहत ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आरक्षण केवल केंद्रीय संस्थानों तक ही सीमित है. तेजस्वी यादव ने अपने एक ट्वीट में ऑल इंडिया फैडरेशन फॉर अदर बैकवर्ड क्लासेज की ओर से एकत्र किए कए आंकड़ों को भी पेश किया है. डाटा के मुताबिक, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं होने से 2017 के बाद से ओबीसी छात्रों को 11,000 से अधिक सीटें गंवानी पड़ी हैं.



केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में अखिल भारतीय कोटा के तहत 15 फीसदी अनुसूचित जाति, 7.5 फीसदी अनुसूचित जनजाति और 10 फीसदी आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (ईडब्ल्यूएस) के लिए सीट आरक्षित हैं.