तेजस्वी जी आप कहां हैं ये अबूझ पहेली, जहां रहें लॉकडाउन का पालन करें : नीरज

तेजस्वी जी आप कहां हैं ये अबूझ पहेली, जहां रहें लॉकडाउन का पालन करें : नीरज

PATNA :नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के कोटा में फंसे हजारों छात्र-छात्राओं के मामले में सरकार पर ताबड़तोड़ हमले के बीच जेडीयू ने पलटवार किया है। जेडीयू प्रवक्ता और बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए लॉकडाउन का पालन करने की नसीहत दी है।


नीरज कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि तेजस्वी यादव जी फिलहाल तो आप हैं कहां, यह अबूझ पहेली है, यदि देशाटन में फंसे तब तो अंतर्राज्यीय यात्रा अनुमति पास हेतु संलग्न लिंक में वर्णित कॉलम भर प्रक्रियागत अनुरोध करें और विदेश भ्रमण में फंसे हैं तब तो ईश्वर मालिक जहां हैं वहां रह लॉकडाउन का पालन करें। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने वीडियो भी जारी किया है।उन्होनें कोटा मामले पर तेजस्वी को घेरने की कोशिश की है। 


इससे पहले तेजस्वी यादव के उस बयान जिसमें उन्होनें कहा था कि  यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह नीतीश कुमार को भी राज्य के बाहर फंसे छात्रों और मजदूरों को बिहार में बुलाना चाहिए। तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा, 'भूखे-प्यासे, हैरान-परेशान, बेचैन और व्यथित लोग विपदा के समय किराए के 'मकानों' को छोड़ अपने 'घरों' को लौटना चाहते हैं. बस इतनी सी बात बिहार सरकार समझ नहीं पा रही है. सरकारों को आपदा के समय आम और खास में फर्क नहीं करना चाहिए। 'नीरज कुमार ने पलटवार कहते हुए कहा था कि तेजस्वी यादव को अपना ट्रेवल हिस्ट्री बताना चाहिए। सर्दी, बुखार हो या सांस लेने में तकलीफ हो तो फार्म भरें। साथ ही कोरोना के मुकाबले के लिए घर-घर हो रहे सर्वे में अपना खुद योगदान दें।


कोरोना संकट के दौर में लॉकडाउन की वजह से लोग डरे-सहमे अपने घरों में कैद हैं। वहीं बिहार में लॉकडाउन पॉलिटिक्स का खेल चल रहा है। रविवार के पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार से बाहर फंसे मजदूरों का मामला और कोरोना से लड़ने के लिए मेडिकल उपकरण के मामले पर नीतीश सरकार को घेर रहे थे। रविवार को जब यह खुलासा हुआ कि हिसुआ से बीजेपी विधायक अनिल सिंह ना सिर्फ सड़क मार्ग से कोटा गये, बल्कि वे अपने बेटे-बेटी को भी कोटा से वापस ले आए।


इसके बाद बिहार की राजनीति में विपक्ष के हाथ मानो संजीवनी हाथ लग गयी। समूचे विपक्ष ने नीतीश सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगा दिया। बता दें कि इस मामले के ठीक दो दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे बिहार के छात्र-छात्राओं को वापस लाने में असमर्थता यह कह कर जतायी था कि ऐसा करना लॉकडाउन का उलंघन करना होगा और मर्यादा का हनन होगा।