तेजप्रताप का नाम सुनते ही RJD के नेताओं को सांप सूंघ जाता है, सवाल यही.. युवराज के गले में कौन बांधेगा घंटी?

तेजप्रताप का नाम सुनते ही RJD के नेताओं को सांप सूंघ जाता है, सवाल यही.. युवराज के गले में कौन बांधेगा घंटी?

PATNA : राष्ट्रीय जनता दल में ऐसे सैकड़ों मामले सामने आए हैं. जब लालू परिवार के ऊपर सवाल खड़ा करने वाले किसी भी बड़े नेता को पार्टी से मिनटों में बाहर कर दिया गया है. लेकिन बात जब लालू परिवार के सदस्य से जुड़ी हो तो अनुशासन की तारीख गाइड लाइन में खत्म हो जाती है. इस बार मामला लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव से जुड़ा है. तेज प्रताप यादव ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को खुलेआम जलील किया. उन्हें हिटलर और पता नहीं क्या-क्या कह डाला. लेकिन तेज प्रताप के खिलाफ अब तक ना कोई नोटिस जारी हुआ और ना ही पार्टी का कोई नेता इस पर बोलने को तैयार है.


आलम यह है कि तेज प्रताप यादव का नाम सुनते ही आरजेडी के नेताओं को सांप सूंघ जाता है. जो लगातार तेज प्रताप यादव के हाथों बेइज्जत हो रहे हैं. वह इस वक्त पार्टी कार्यालय नहीं आ रहे. 3 दिनों से जगदा बाबू प्रदेश कार्यालय नहीं पहुंचे हैं. आज शहीद दिवस के मौके पर पार्टी के जब दूसरे नेता जगदा बाबू के बगैर शहीद स्मारक पहुंचे. तो मीडिया ने तेज प्रताप को लेकर सवाल पूछ डाला तेज प्रताप का नाम सुनते ही नेता भागने लगे.


आरजेडी के प्रदेश प्रधान महासचिव आलोक मेहता के ऊपर यह जिम्मेदारी है कि वह अनुशासन से जुड़े ऐसे मामलों को देखें. आरजेडी में टूट के दावे विरोधी करते रहे हैं. आलोक मेहता से जब इस बाबत सवाल हुआ तो उन्होंने लंबे चौड़े दावे कर दिए लेकिन जैसे ही बात तेजप्रताप किया ही तो आलोक मेहता की जुबान बंद हो गई. बड़ी मुश्किल से आलोक मेहता केवल इतना कहते हैं कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है और हम इसे देखेंगे. हर मामले पर तुरंत जवाब नहीं दिया जा सकता. जाहिर है बाद जब लालू प्रसाद यादव के बेटे की हो तो आलोक मेहता या किसी दूसरे नेता की क्या मजाल जो वह बयान दे डालें.


हालांकि मीडिया को तेज प्रताप यादव ने जिस तरह खरी-खोटी सुनाई, उसको लेकर आलोक मेहता ने सबके सामने खेद जताया है. उन्होंने कहा कि पार्टी तेज प्रताप यादव के बयान के लिए खेद जताती है. लेकिन मीडिया को भी अपनी भूमिका अच्छी तरीके से निभानी चाहिए. आलोक मेहता ने जगदानंद सिंह पर तेज प्रताप के द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर केवल इतना कहा कि पार्टी में लोकतंत्र है. हम इस मामले को देख रहे हैं और अभी इस पर कुछ भी कहना संभव नहीं है.


आलोक मेहता ने जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की तरफ से झगड़ा बाबू को दिए गए ऑफर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 3 विधायक वाली पार्टी आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष को ऑफर दे रही है. इससे बड़ा मजा कुछ नहीं हो सकता. आलोक मेहता ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के कई नेताओं ने विरोध जताया. लेकिन उन लोगों पर भी एक्शन नहीं हुआ. तेज प्रताप के मामले को पार्टी देखेगी या अंदरूनी मामला है और इसे सड़क पर नहीं लाया जा सकता.