स्वास्थ्य विभाग का बड़ा फैसला : शाम की OPD के लिए अब अलग से होगा रजिस्ट्रेशन

स्वास्थ्य विभाग का बड़ा फैसला : शाम की OPD के लिए अब अलग से होगा रजिस्ट्रेशन

PATNA : राज्य में बेहतर स्वास्थ सुविधाओं को लेकर साथ स्वास्थ विभाग और मंत्री तेजस्वी यादव काफी तेजी के साथ कार्य कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि, राज्य के अंदर चल रहे सरकारी अस्पतालों में काफी कुछ बदलाव भी देखने को मिला है। इसी कड़ी में अब एक और नया बदलाव राज्यवासियों को जल्द देखने को मिलेगा।


दरअसल, स्वास्थ्य विभाग के निर्णय के बाद अब राज्य के सरकारी अस्पतालों में दुसरे शिफ्ट के लिए अब अलग से रजिस्ट्रेशन शुरू किया जा रहा है। यानी राज्य के उन अपस्तलों में जहां शाम के समय डॉक्टर की सुविधा बहाल है, वहां अब शाम के समय में मरीजों को ओपीडी में डॉक्टरों से इलाज करवाने के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।


मालूम कि राज्य के सरकार अस्पताल और फिलहाल शाम की ओपीडी की अवधि गर्मी के मौसम में यानी मार्च से अक्टूबर तक दोपहर 4:00 से शाम 6:00 बजे तक है। जबकि ठंड के दिनों में यानी नंबर से फरवरी तक दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक है। हालांकि, यह सुविधा राज्य के केवल मेडिकल कॉलेज। और सदर अस्पतालों में मिलेगी।


जानकारी के अनुसार, स्वास्थ विभाग को यह देखने को मिल रहा था कि, शाम। के शिफ्ट में डॉक्टरों से दिखवाने वाले मरीजों को भी सुबह 8:00 बजे से दिन के 1:30 बजे के बीच रजिस्ट्रेशन कराने की मजबूरी हो गई थी। जिसके बाद अब यह निर्णय लिया गया है।


इस नए नियम को लेकर स्वास्थ्य विभाग तरफ से भी दी गई जानकारी के अनुसार वर्तमान में सुबह की ओपीडी का समय 9:00 बजे से 2:00 बजे तक का है। ऐसे में सुबह के शिफ्ट के लिए सुबह 8:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रजिस्ट्रेशन होगा। वहीं, शाम के शिफ्ट के साथ मार्च से अक्टूबर तक दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक रजिस्ट्रेशन होगा। जबकि नवंबर से फरवरी तक दोपहर 2.30 बजे से शाम 4 बजे से रजिस्ट्रेशन होगा।


आपको बताते चलें कि, राज्य के अंदर आए दिन यह देखने को मिल रहा था कि यदि किसी मरीज को दूसरे वाले में शिफ्ट में भी दिखाना होता था तुमको घर से सुबह में ही अस्पताल पहुंचने की जरूरत होती थी। इस कारण जो मरीज ने सुबह पहुंच कर अपना रजिस्ट्रेशन करवा लेते थे वह सुबह में ही डॉक्टर से मिलना चाहते थे और सुबह के शिफ्ट में भीड़ अधिक हो जाती थी। इसी को लेकर अब दूसरी वाली में दिखाने वाले मरीजों को लेकर यह पहल की गई है।