सुशासन की कृपा : JDU विधायक के बेटे को मिला रोड-पुल का ठेका,काम हुआ नहीं, ब्लैक लिस्टेड की सिफारिश हुई तो एक्सटेंशन मिल गया

सुशासन की कृपा : JDU  विधायक के बेटे को मिला रोड-पुल का ठेका,काम हुआ नहीं, ब्लैक लिस्टेड की सिफारिश हुई तो एक्सटेंशन मिल गया

PATNA : सुशासन में अपनों पर सरकार की कृपा कैसे बरसती है इसकी भयावह तस्वीर भागलपुर जिले में सामने आ गयी है. खुद को नीतीश कुमार का खास कहने वाले जेडीयू के एक विधायक के बेटे को 5 साल पहले सड़क औऱ पुल बनाने का ठेका दिया गया. तीन करोड़ का ये काम एक साल में पूरा करना था. तीन साल में भी जब काम पूरा नहीं हुआ तो दो दफे ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने की अनुशंसा की गयी. अनुशंसा तो नीचे के अधिकारियों ने की थी सरकार ने ठेकेदार पर कृपा बरसाते हुए उसे एक्सटेंशन दे दिया. हद देखिये बेटे की ठेकेदारी वाला पुल औऱ रोड बना नहीं लेकिन खुद विधायक ने उसका दो दो दफे शिलान्यास भी किया.


बहुचर्चित विधायक गोपाल मंडल का रूतबा देखिये

मामला भागलपुर जिले के गोपालपुर के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल के बेटे का है. गोपाल मंडल लगातार चर्चे में रहते हैं. लेकिन खुद को नीतीश कुमार का सबसे करीबी बताते हैं. उनके बेटे तरुण कुमार नीरज ग्रामीण कार्य विभाग में ठेकेदार हैं. तरूण कुमार नीरज को ग्रामीण कार्य विभाग ने वहीं ठेका दिया जहां उनके पिता विधायक हैं. एक साल का काम पांच साल में पूरा नहीं हुआ. लेकिन सरकार की कृपा लगातार बरस रही है. स्थानीय अधिकारियों ने दो-दो दफे उन्हें ब्लैकलिस्टेड करने का प्रस्ताव भेजा लेकिन सब हवा हो गया. 

विधायक के क्षेत्र में बेटे को काम की कहानी

ये मामला है भागलपुर के इस्माइलपुर प्रखंड में लक्ष्मीपुर से गोनरचक सड़क पर पुल और उसके दोनों ओर एप्रोच रोड के निर्माण का. पांच साल पहले 2016 में ही ग्रामीण कार्य विभाग ने इसके लिए टेंडर निकाला था. विधायक जी के क्षेत्र का काम उनके बेटे तरूण कुमार नीरज को मिला. कैसे मिल गया, ये मत पूछिये. सरकार द्वारा निकाले गये टेंडर के मुताबिक कुल 3 करोड़ 32 लाख की लागत से 54 मीटर लंबा पुल और उसके दोनों तरफ 280 मीटर लंबा एप्रोच पथ का काम करना था. इस काम को एक साल में पूरा कर लेना था. सरकार ने 10 अप्रैल 2017 तक पूरा करने का टारगेट दिया था. लेकि आज तक पुल नहीं बन पाया. 

दो दफे विधायक ने किया शिलान्यास

बेहद दिलचस्प बात है कि बेटे की ठेकेदारी वाले काम का विधायक गोपाल मंडल ने दो दो दफे शिलान्यास किया. मई 2016 में जब काम अलॉट हुआ तो विधायक जी ने निर्माण स्थल पर पहुंच कर शिलान्यास किया. काम समय पर पूरा नहीं पो पाया. एक साल का काम पांच साल में पूरा नहीं हो पाया. लेकिन कृपा बरसा रही सरकार ने 2021 में इसी काम को पूरा करने के लिए एक साल और का एक्सटेंशन दे दिया. इसके बाद विधायक गोपाल मंडल फिर से निर्माण स्थल पर पहुंचे और इस साल 19 मई को फिर उसी पुल का शिलान्यास कर दिया. 

विधायक के पीए का रौब

मामला जब सामने आया तो बुधवार को एक दैनिक अखबार के संवाददाता ने विधायक के मोबाइल नंबर पर कॉल किया. फोन उनके पीए ने उठाया. कहा-मैं मुन्ना जायसवाल बोल रहा हूं विधायक जी का पीए. मैं जो बोल रहा हूं वही विधायक का बयान लिख लीजिये. जहां पुल बनना है वहां पानी जमा है. पानी निकल जायेगा तो काम हो जायेगा. 

दो दफे ब्लैक लिस्टेड करने का प्रस्ताव गया, सब बेकार

इस पुल औऱ अप्रोच रोड को लेकर ग्रामीण कार्य विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रामाशीष प्रसाद से बात की गयी. उन्होंने बताया कि वे 2019 में वहां पदस्थापित हुए हैं. उन्होंने जब देखा कि समय पर काम पूरा नहीं हुआ है तो विभाग को 2020 और 2021 में पत्र भेजकर ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड करने की सिफारिश की है. विभाग के स्तर पर काम पूरा करने की अवधि एक साल और बढायी गयी है.