आरसीपी ने नीतीश को दिलाई लोहिया की याद, जातीय जनगणना-शराबबंदी को लेकर खूब बरसे

आरसीपी ने नीतीश को दिलाई लोहिया की याद, जातीय जनगणना-शराबबंदी को लेकर खूब बरसे

PATNA: मोतिहारी में हुई जहरीली शराब से मौतों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को अपने पैतृक निवास बख्तियारपुर पहुंचे, जहां उन्होंने जातीय जनगणना के दूसरे चरण की शुरूआत की। इन दोनों ही मामलों को लेकर जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर तीखा हमला बोला है। आरसीपी सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार का सिर्फ और सिर्फ कुर्सी पर बने रहना एकमात्र लक्ष्य है। उन्हें बिहार के युवाओं के भविष्य से कोई लेना देना नहीं है। इसके साथ ही साथ आरसीपी ने मोतिहारी में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर मुख्यमंत्री पर हमला बोला और पूछा है कि इन मौतों का जिम्मेवार कौन है?


दरअसल, पिछले कुछ दिनों से आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर हमलावर बने हुए हैं। शुक्रवार को भी आरसीपी ने नीतीश पर तंज कसते हुए उन्हें पीएम का मतलब समझाया था। शनिवार को भी आरसीपी ने ट्विटर पर लंबा चौड़ा पोस्ट कर शराब से हुई मौतों और जातीय जनगणना को लेकर नीतीश को घेरा है। आरसीपी सिंह ने लिखा कि “ नीतीश बाबू बिहार से अभी दो महत्वपूर्ण खबरें आईं। एक खबर जातीय गणना से संबंधित है। बख़्तियारपुर पहुंचकर आपने अपनी जाति सार्वजनिक की। कैसा लगा नीतीश बाबू अपनी जाति के बारे में अपने मुख से बखान करने में? ज़रा सोचिए डॉ.लोहिया को कैसा लगा होगा? आप भूल गए कि डॉ. लोहिया जाति तोड़ो अभियान चलाते थे। ख़ैर, लोहिया के विचारों से अब आपको क्या लेना देना? उनके विचारों और सिद्धांतों को तो आप पहले ही दफ़ना चुके हैं। अच्छा लगता नीतीश बाबू अगर आप अपनी जन्मस्थली, बख़्तियारपुर से बिहार के युवा युवतियों को रोज़गार देने के कार्यक्रम की शुरुआत करते। ख़ैर आपको युवाओं युवतियों के भविष्य से क्या लेना देना ? नीतीश कुमार जी कैसे आपकी कुर्सी सुरक्षित रहे यही आपका एकमात्र लक्ष्य है।“


आरसीपी ने बिहार से जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों को लेकर मुख्यमंत्री पर जोरदार हमला बोलते हुए लिखा कि “ दूसरी खबर मोतिहारी से आ रही है। बताया जा रहा है कि ज़हरीली शराब के सेवन से कई लोगों की मौत हो चुकी है। नीतीश बाबू इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है? जब से बिहार में शराबबंदी की नीति आपने लागू की, तब से ज़हरीली शराब पीने से कितने लोगों की मौतें हुई, इससे आपको क्या लेना देना? आप तो इतने संवेदनहीन हो गए हैं कि कुछ दिनों पूर्व आपने बयान दिया था कि जो पियेगा वो मरेगा। पानी पीने से मौत नहीं हुई नीतीश बाबू। मौतें हुई हैं शराब पीने से। आप तो सहमत नहीं होंगे, लेकिन बिहार के सभी लोग इस बात को समझते हैं कि शराबबंदी की आपकी नीति पूर्ण रूप से विफल रही है। ये जगज़ाहिर है कि अवैध शराब का कारोबार पूरे बिहार में तेज़ी से फूला फला है।“


आरसीपी आगे लिखते हैं, “अवैध शराब के उत्पादन एवं बिक्री पर आप रोक लगाने में नाकाम रहे हैं। बिहार की अदालतों में सबसे ज़्यादा मुक़दमे या तो भूमि विवाद से हैं या शराब के। ग्रामीण इलाक़ों के कमज़ोर तबके के लोग अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। नीतीश बाबू ,आपने कभी सोचा कि अदालतों के चक्कर काटने में गरीब लोगों को कितनी परेशानियों को झेलना पड़ता है तथा उनके ऊपर किस प्रकार का आर्थिक बोझ आ जाता है। प्रदेश को राजस्व का जो नुक़सान हो रहा है उसकी तो आपको चिंता ही नहीं है।ऐसा अनुमान है कि अगर शराबबंदी अभी लागू नहीं रहती तो आवकारी से बीस हज़ार करोड़ से ज़्यादा की आय प्रति वर्ष बिहार सरकार की होती। बिहार जैसे आर्थिक रूप से कमज़ोर प्रदेश को कितना बड़ा नुक़सान उठाना पड़ रहा है। आपको इससे क्या लेना देना ? शराब का अवैध कारोबारी मालामाल है, जनता का हाल बेहाल है ! शराबबंदी से गरीब त्रस्त हैं और आप मस्त हैं ! जातिवाद ज़िंदाबाद ! जातिवाद ज़िंदाबाद ! शराबबंदी ज़िंदाबाद ! शराबबंदी ज़िंदाबाद ! कुर्सीवाद ज़िंदाबाद ! कुर्सीवाद ज़िंदाबाद!”