PATNA: RCP सिंह के इस्पात मंत्रालय में आज हिन्दी सलाहकार समिति का गठन कर दिया गया। 12 सदस्यों वाली इस समिति में मंत्रालय को 4 लोगों को नियुक्त करने का अधिकार था। आरसीपी सिंह ने चार में एक अपने राज्यमंत्री के कोटे में छोड़ा, बाकी तीन पर अपने लोगों की नियुक्ति कर दी। आरसीपी सिंह से वफादारी के लिए जेडीयू से आउट कर दिये गये नेता को इस्पात मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति में जगह दी गयी है। लेकिन सबसे दिलचस्प है दिल्ली की एक नेत्री का नाम पार्टी के अंदर औऱ बाहर उनके नाम को लेकर मजेदार चर्चा हो रही है।
आरसीपी सिंह का एडजस्टमेंट
आरसीपी सिंह केंद्र सरकार में इस्पात मंत्री हैं। आज इस विभाग में हिन्दी सलाहकार समिति का गठन किया गया। कुल 12 सलाहकार बनाये गये हैं जिनमें से 6 सांसद हैं और संसद से नॉमिनेट किये गये हैं। इस्पात मंत्रालय को चार सदस्यों के मनोनयन का अधिकार मिला। आरसीपी सिंह ने एक पद अपने राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के लिए छोड़ा। कुलस्ते ने अपने संसदीय क्षेत्र मण्डल के एक व्यक्ति को मनोनीत करा दिया।
लेकिन दिलचस्प बात रही आरसीपी सिंह के कोटे से नियुक्ति हुई। आरसीपी सिंह ने बिहार के डॉ.अमरदीप को इस्पात मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति का सदस्य बनाया है। ये वही अमरदीप हैं जो आरसीपी सिंह के हार्डकोर समर्थक माने जाते रहे हैं। आऱसीपी सिंह जब तक पार्टी में पावर में थे तब तक अमरदीप जेडीयू आईटी सेल के अध्यक्ष थे। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में अमरदीप का राज चलता था।
आरसीपी सिंह जब पार्टी में अधिकार विहीन हुए तो अमरदीप को मजबूरन पद छोड़ना पड़ा। वे पार्टी से एक तरीके से आउट कर दिये गये। अब उन्हें लॉलीपॉप दिया गया है। वे इस्पात मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य बना दिये गये हैं। वैसे आरसीपी सिंह ने बिहार जेडीयू के एक औऱ नेता डॉ रामवचन राय को भी हिन्दी सलाहकार समिति का सदस्य बनाया है।
डॉ रिंकू रानी पर मजेदार चर्चा
इस्पात मंत्रालय के हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्यों की सूची आज सामने आयी है. इसमें मंत्रालय द्वारा बनाये गये 4 सदस्यों में से डॉ.रिंकू रानी का भी नाम है। पार्टी के अंदर डॉ रिंकू रानी के नाम पर कई तरह की चर्चायें हो रही हैं. जेडीयू के एक नेता ने कहा कि रिंकू रानी का ना तो पार्टी और ना ही हिन्दी के लिए कोई योगदान लोगों को पता है।
हां इतना जरूर पता है कि आरसीपी बाबू दिल्ली में रहते हैं तो उनका खाना डॉ रिंकू रानी के घर से ही बनकर आता है. जेडीयू के कई नेता इस पर चटकारे ले रहे हैं. हालांकि फर्स्ट बिहार इसकी पुष्टि नहीं करता। हमने आरसीपी सिंह और उनके स्टाफ से इस बाबत जानकारी लेने की कोशिश की लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।