रामविलास-चिराग के बाद अब तेजस्वी की बारी, बोले- चुनाव से पहले वोट पाने के लिए अनाज बटोर रहे नीतीश

रामविलास-चिराग के बाद अब तेजस्वी की बारी, बोले- चुनाव से पहले वोट पाने के लिए अनाज बटोर रहे नीतीश

PATNA: बिहार में अनाज की सियासत अब गरमा गयी है। क्या विपक्ष और क्या सत्ता पक्ष सभी इसमें कूद पड़े हैं। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान और लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान के द्वारा बिहार में अपने सहयोगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही कठघरे में खड़ा करने के बाद अब तेजस्वी यादव ने अनाज वितरण के मुद्दे पर बिहार सरकार को घेरा है। तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा है कि वे अनाज को स्टॉक कर रहे हैं ताकि चुनाव के पहले वोट बटोरने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकें।


तेजस्वी यादव के ट्वीट करते हुए लिखा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनाज का स्टॉक कर रहे हैं। तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार जानते हैं कि अभी अगर वे अनाज बांट देंगे तो जनता भूल जाएगी। इसलिए वे अनाज का स्टॉक जुटा रहे हैं कि ताकि चुनावों से पहले उसे बांट कर वोट बटोर सकें। 


तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में केन्द्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान के उन बयानों का हवाला दिय़ा है जिसमें उन्होनें एक तरह से अपने सहयोगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है।  मामला ग़रीबों को मिलने वाले अनाज का है। पासवान ने कहा है कि खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत बिहार में जितने लाभार्थी होने चाहिए उससे काफ़ी कम हैं। पासवान के मुताबिक़ इस क़ानून के तहत बिहार में 8.71 करोड़ लाभार्थी होने चाहिए जबकि हैं 8.57 करोड़ लोग।  इसका मतलब ये हुआ कि राज्य में क़रीब 14 लाख ग़रीब ऐसे हैं जिन्हें इस कानून के तहत मिलने वाले सस्ते अनाज का फ़ायदा नहीं मिल रहा है।  पासवान ने 17 अपैल को बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी से इस मामले पर बात भी की थी।


वहीं लोकजनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने लॉकडाउन  में केंद्र सरकार के फ़ैसले के बाद भी नए राशन कार्ड धारकों का नाम नहीं जोड़ने पर बिहार सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।चिराग पासवान ने दनादन ट्वीट कर नीतीश सरकार के कार्यकलाप पर सवाल उठाए हैं। चिराग पासवान ने ट्वीट करते हुए कहा है कि 14 लाख बिहारियों का नाम बिहार सरकार को राशन कार्ड धारकों की सूची में जोड़ना था ताकि उन्हें भी केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त राशन का लाभ मिल सके लेकिन प्रदेश सरकार ने अभी तक नाम केंद्र को नहीं भेजा जिससे बिहार में कई परिवार में भूखमरी की स्थिति है।


बता दें कि लॉक डाउन शुरू होने के बाद मोदी सरकार ने पीएम ग़रीब योजना का ऐलान किया था।  इसमें अन्य बातों के अलावा खाद्य सुरक्षा क़ानून के दायरे में आने वाले सभी लाभार्थियों को पहले से जारी स्किम के अलावा 3 महीने तक हर महीने 5 किलो अनाज और 1 किलो दाल मुफ़्त देने का ऐलान किया गया था।  देशभर में खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत क़रीब 81 करोड़ लाभार्थी हैं लेकिन देश के अलग राज्यों के क़रीब 50 लाख योग्य लाभार्थियों के नाम इस सूची में शामिल नहीं हैं।  इनमें 14 लाख लोग तो बिहार में ही हैं।