रेलवे की नौकरियां देकर लालू यादव ने लिखवायी 4 बीघा जमीन, बगैर विज्ञापन के बांटे जॉब: CBI का आरोप, भोला यादव ने भी बनायी संपत्ति

रेलवे की नौकरियां देकर लालू यादव ने लिखवायी 4 बीघा जमीन, बगैर विज्ञापन के बांटे जॉब:  CBI का आरोप, भोला यादव ने भी बनायी संपत्ति

PATNA: रेल मंत्री रहते लोगों से जमीन लेकर रेलवे की नौकरी देने के आरोपी लालू प्रसाद यादव पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। आरोप ये है कि लालू यादव ने रेलवे की नौकरी देकर पटना में चार बीघा जमीन अपने परिजनों के नाम पर लिखवा लिया। सीबीआई कह रही है कि लालू यादव ने बगैर किसी विज्ञापन या नोटिस के लोगों को रेलवे की नौकरी दे दी। सीबीआई की ओर से बातें सामने आ रही हैं उसके मुताबिक लालू यादव ने रेलवे की नौकरियां बांट कर पटना की चार बीघा जमीन अपने परिजनों के नाम लिखवा लिया। लालू यादव के रेल मंत्री रहते उनके ओएसडी के तौर पर काम करने वाले भोला यादव ने रेलवे की नौकरी के खेल में संपत्ति बनायी।


गौरतलब है कि सीबीआई ने बुधवार को ही लालू यादव के हनुमान कहे जाने वाले भोला यादव को गिरफ्तार किया है. उनके साथ साथ रेलवे में खलासी के पद पर काम करने वाले हृदयानंद चौधरी को भी गिरफ्तार किया गया है. इस मामले पर आधिकारिक बयान जारी कर सीबीआई ने कहा है कि रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले की जांच के दौरान ये पाया गया कि 2005-2009 के बीच तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के ओएसडी भोला यादव  नौकरी घोटाले की साजिश में शामिल थे।


भोला यादव लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के नाम जमीन लिखे जाने का बंदोबस्त कर रहा था. भोला यादव रेलवे में नौकरी बांटे जाने का मैनेजमेंट देख रहे थे. सीबीआई के मुताबिक भोला यादव ने उस दौरान न सिर्फ लालू फैमिली के लिए संपत्ति अर्जित करवायी बल्कि अपने नाम पर भी संपत्तियां अर्जित किया था. भोला यादव के खिलाफ तथ्य मिलने के बाद उनके पटना, दरभंगा आदि सहित चार ठिकानों पर छापेमारी कर तलाशी ली गयी. भोला यादव से जुड़े एक औऱ व्यक्ति के ठिकाने पर छापा पड़ा है। 


लालू यादव ने लिखवायी 4 बीघा जमीन

सीबीआई ने कहा है कि इस साल 18 मई को लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबडी देवी , दो बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव के साथ साथ 15 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सीबीआई द्वारा दर्ज किये गये FIR में ये कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव ने 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी में बहाली के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन लिखवायी।


सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि रेलवे में नौकरी पाने वाले लोग जमीन लालू प्रसाद यादव के परिजनों को जमीन दे रहे थे. नौकरी के बदले में कर्मचारी खुद या अपने परिवार के सदस्यों के जरिये पटना की जमीन लालू प्रसाद यादव के परिजनों या फिर उनके द्वारा चलायी जा रही निजी कंपनी के नाम लिख रहे थे. कुछ जमीन की बिक्री दिखायी गयी तो कुछ जमीन गिफ्ट में दिये गये। 


सीबीआई की ओर से कहा गया है कि रेलवे की नौकरी के बदले जमीन के मामले में लालू प्रसाद यादव के परिजनों के नाम पटना की  1 लाख 05 हजार 292 स्क्वायर फीट यानि लगभग चार बीघा जमीन लिख दी गयी. लालू प्रसाद यादव के परिजनों ने 5 लोगों से सेल डीड बनाकर जमीन लिया. वहीं दो लोगों से गिफ्ट में जमीन ले लिया गया. जिन जमीनों की रजिस्ट्री करायी गयी उसमें चेक, ड्राफ्ट या बैंक के जरिये पैसे देने के बजाय कैश में पैसा भुगतान करने की बात कही गयी। 


बगैर विज्ञापन-नोटिस के बांटी नौकरी

सीबीआई की ओर से कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने बगैर किसी विज्ञापन और नोटिस के रेलवे में नौकरियां बांटी. रेलवे के जिस जोन में बहाली हुई उसने कोई विज्ञापन नहीं दिया फिर भी पटना के लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित रेलवे के जोनल ऑफिस में नियुक्त कर दिया गया. सीबीआई ऐसे तमाम मामलों की जांच कर रही है. केस दर्ज होने के बाद सीबीआई ने इसी साल 20 मई को लालू प्रसाद यादव औऱ उनके परिजनों के दिल्ली, पटना और गोपालगंज स्थित 16 ठिकानों पर छापे मार कर तलाशी ली थी।