राबड़ी देवी भोजपुरिया अंदाज में बरसी सुशील मोदी पर, बोली- अबरी आरएसएस वाला हाफ़पैंट पहिन बिहार से भागऽऐ ला तैयार रऽह

राबड़ी देवी भोजपुरिया अंदाज में बरसी सुशील मोदी पर, बोली- अबरी आरएसएस वाला हाफ़पैंट पहिन बिहार से भागऽऐ ला तैयार रऽह

PATNA : बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर तगड़ा पलटवार किया है। लालू रसोई के नाम पर आरजेडी को घेरने वाले सुशील मोदी पर भोजपुरिया अंदाज में बरसते हुए राबड़ी देवी ने कहा कि ये नौटंकी बंद कर दीजिए। कम से कम आरजेडी के लालू रसोई से गरीबों का पेट तो भर रहा है, लेकिन आपको ये सब नौटंकी लग रहा है। उन्होनें कहा कि 15 साल तो केवल बक-बक और लूट खसोट कर खाया वहीं पैसे से लंगर क्यों नहीं चला दिया। अब समय आ गया है बरसात आने वाला है, आरएसएस वाला हाफ पैंट पहन कर इस बार बिहार से भागने को तैयार हो जाइए।


राबड़ी देवी ने ट्वीट करते हुए कहा कि ऐ सुशील जी! तूऽहे काहे न ई नौटंकी कर ले तऽआ रऽअ? कम से कम ई नौटंकी से ग़रीब के पेट भऽरऽता। 15 बरस से बकर-बकर औरी लूट-खसोट के अलावा का कईले बाऽडऽअ राजस्थानी मेवालाल? ओहि लूटऽअऽल धनऽवा से काहे न लंगर चला दे तऽरऽअ?बरसात आवता,अबरी आरएसएस वाला हाफ़पैंट पहिन बिहार से भागऽऐ ला तैयार रऽह।


दरअसल राबड़ी देवी ने डिप्टी सीएम सुशील मोदी के उस ट्वीट का जवाब दिया है जिसमें  ट्वीट कर उन्होनें कहा कि प्रियंका गांधी जैसे यूपी के मजदूरों की घर वापसी के लिए 1000 बसें भेज रही थीं, वैसे ही राजद लॉकडाउन के 60 दिन बाद  लालू रसोइ का बोर्ड लगा कर बिहार लौटे मजदूरों को भोजन कराने का नाटक कर रहा है। राज्य सरकार ने विशेष ट्रेनों के जरिये 6 लाख से ज्यादा मजदूरों की सुरक्षित वापसी करायी, बसों से उन्हें प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचाया और क्वरंटाइन केंद्रों में भोजन-जलपान की व्यवस्था की।आपदा प्रबंधन की लगातार मानीटरिंग भी की जा रही है, लेकिन जिन्हें सेवा के बहाने मेवा लूटने के मौके नहीं मिल रहे हैं, वे क्वरंटाइन केंद्रों में गड़बड़ी के मनमाने आरोप गढ़ रहे हैं।


सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में सत्ता सम्भालने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में कालाधन वापस लाने के लिए एसआईटी गठित करने का फैसला किया और देश को भरोसा दिलाया कि न खायेंगे, न खाने देंगे।  भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार चलाकर वे अपने वादे पूरे कर रहे हैं। लेकिन जिनको पशुओं के चारे सडक़ निर्माण के अलकतरे और करोड़ों रुपये के रक्षा सौदे तक में खाने की आदत है उन्हें सरकार बुरी लग रही है। वे एनडीए सरकार के राहत कार्यों में भी घोटाला खोज रहे हैं।  विपक्ष के पास कोई ठोस सबूत नहीं है। वे इस संकट काल में कोरोना योद्धाओं, प्रशासन और समाजसेवियों का मनोबल तोडऩे में लगे हैं।