राबड़ी आवास पर नहीं होगा चूड़ा-दही भोज, लालू की गैरमौजूदगी से छायी उदासी

राबड़ी आवास पर नहीं होगा चूड़ा-दही भोज, लालू की गैरमौजूदगी से छायी उदासी

PATNA : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की गैरमौजूदगी ने बिहार की सियासत से त्योहार की मस्ती का रंग गायब कर दिया है। मकर संक्रांति के मौके पर लालू यादव का अंदाज शायद ही कोई भूल सकता है। हाथ में दही की मटकी लिए लालू यादव जब दही चूड़ा भोज की मेजबानी करते थे तब नजारा देखते बनता था। होली हो या फिर मकर संक्रांति लालू आवास का दरवाजा कभी भी बंद नहीं हुआ। बड़े नेताओं से लेकर छोटे कार्यकर्ताओं और समर्थकों तक के लिए लालू हमेशा उपलब्ध रहे। मकर संक्रांति के मौके पर सभी राजनीतिक दलों की तरफ से जहां एक दिन भोज का आयोजन किया जाता है वहीं लालू 3 दिनों तक लगातार चूड़ा दही का भोज देते थे। 


सजायाफ्ता लालू यादव अब रिम्स में अपना इलाज करा रहे हैं राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर बीते साल भी मकर संक्रांति भोज का आयोजन नहीं हुआ था आरजेडी के अंदरूनी सूत्र बता रहे हैं कि इस साल भी मकर संक्रांति पर मायूसी छाई रहेगी 10 सर्कुलर आवास पर दही चूड़ा भोज का आयोजन मुश्किल लग रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव फिलहाल पटना में नहीं हैं। राबड़ी आवास पर मकर संक्रांति को लेकर कोई चहल पहल नहीं है। आरजेडी के नए प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह अपने पैतृक गांव में चूड़ा दही भोज का आयोजन करेंगे।


लालू प्रसाद यादव के दही चूड़ा दही का भोज की चर्चा हो और सीएम नीतीश कुमार का जिक्र न हो तो चर्चा अधूरी रह जाएगी। साल 2017 में जब जेडीयू और आरजेडी की संयुक्त सरकार थी। इस बीच दोनों पार्टियों के बीच खटपट की खबरें भी आने लगी थी। इसी दौर में नीतीश कुमार मकर संक्रांति के मौके पर लालू यादव के आवास पर पहुंचे थे जहां लालू यादव ने नीतीश के माथे पर दही का टीका लगा कर कहा था कि लोग कहते रहते हैं कि महागठबंधन में कोई मनमुटाव है लेकिन देखिए मैंने नीतीश के माथे पर दही का तिलक लगाया है। उन्होंने कहा कि दही का तिलक काफी शुभ होता है।  दही के तिलक से ही साबित होता है कि कोई मतभेद नहीं है।