प्रवासियों पर नैतिक ज्ञान छोड़िए नीतीश जी, श्रमिकों को लाठी से पिटवाने वालों को जनता पहचानती है

प्रवासियों पर नैतिक ज्ञान छोड़िए नीतीश जी, श्रमिकों को लाठी से पिटवाने वालों को जनता पहचानती है

PATNA : प्रवासी मजदूरों और बिहार में गरीबों को लेकर 7 जून को गरीब अधिकार दिवस बना देगा एलान कर चुके नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस मुद्दे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर प्रवासियों और मजदूरों को लेकर नए सिरे से हमला बोला है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री प्रवासी शब्द की नैतिकता पर उपदेश दे रहे हैं लेकिन उनका असल रंग श्रमवीरों के ऊपर लाठी चलवाने से नजर आता है। 


तेजस्वी यादव ने कहा कि 'हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और' है एक तरफ़ नीतीश कुमार 'प्रवासी' शब्द की नैतिकता पर उपदेश देते हैं और दूसरी तरफ़ अपना असली रंग दिखाते हुए श्रमवीरों को लाठी से पिटवाते है, पैदल चलने पर मजबूर करते है। मुसीबत की घड़ी में उन्होंने राज्यवासियों को छोड़ दिया। उन्हें बिहार नहीं घुसने और आने पर वापस भेजने की धमकी दी। मुख्यमंत्री ने ट्रेन और बस नहीं होने का बहाना देकर उन्हें आर्थिक, मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी। क्वारंटाइन सेंटरो में मज़दूरों के साथ पशुवत व्यवहार किया गया। उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया गया। क्वारंटाइन सेंटरो में खाने में सांप, बिच्छू और छिपकली के साथ सूखा भात, नमक और मिर्च परोसी गयी।


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार आने पर माटी पुत्र श्रमवीरों का लाठी-डंडों से स्वागत कराया जाता है जबकि दूसरे प्रदेश अपने श्रमवीरों का फूलों से स्वागत कर रहे है। सरकारी ख़ामियां बताने पर अधिकारियों द्वारा श्रमिकों पर अत्याचार किया जाता है। उन्हें इलाज और उपचार से वंचित किया जाता है। उनके अधिकारों के नाम पर करोड़ों की निकासी कर भ्रष्टाचार की गंगा बहाई जा रही है। आज भी कटिहार रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों को पीटा गया है।जिन्होंने 15 वर्षों में एक सुई का कारख़ाना नहीं लगवाया वो चुनाव देख अब कारख़ाने और रोज़गार की लफ़्फ़ाज़ी कर रहे है। मुख्यमंत्री को बिहार के श्रमवीरों से अविलंब माफ़ी मांगनी चाहिए।


बता दें कि केरल से कटिहार पहुंचे श्रमिकों ने गुरुवार की सुबह सहायक थाना क्षेत्र के जीआरपी चौक के पास मजदूर स्पेशल ट्रेन के यात्रियों ने आगे के सफर के लिए बस सेवा बंद कर दिए जाने की सूचना पाकर हंगामा किया।  जिसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।