पटना भीषण लू की चपेट में, बच्चे बीमार हो रहे लेकिन सरकार प्राइवेट स्कूलों के दबाव में

पटना भीषण लू की चपेट में, बच्चे बीमार हो रहे लेकिन सरकार प्राइवेट स्कूलों के दबाव में

PATNA : बिहार में इस वक्त प्रचंड गर्मी का प्रकोप है। राजधानी पटना भी भीषण लू की चपेट में है लेकिन इस सबके बावजूद राजधानी पटना में स्कूल खुले हुए हैं। स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव जरूर किया गया है लेकिन जब सुबह 8 बजे से ही प्रचंड गर्मी पड़ रही हो तो 10.45 बजे छुट्टी का फरमान बच्चों को गर्मी से कैसे बचा सकता है? यह एक बड़ा सवाल है। ऐसे में बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी है। ज्यादातर स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने लगी है और अस्पतालों में बढ़ने लगी है। अभिभावक भी गर्मी से हलकान बच्चों को देखकर परेशान हैं और उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार कोई फरमान जारी करे, लेकिन सरकार के रवैए को देखकर ऐसा लगता है कि वह प्राइवेट स्कूलों के दबाव में है। सरकार की तरफ से बार-बार यह कहा जा रहा है कि कोरोना काल में 2 साल तक स्कूल बंद रहे इसलिए हम स्कूल फिलहाल बंद नहीं करना चाहते गर्मी पर नजर बनी हुई है और उचित फैसला लिया जाएगा। आपदा प्रबंधन विभाग बिहार में गर्मी को लेकर अलर्ट जारी कर चुका है लेकिन प्राइवेट स्कूलों में स्कूलों को बंद किए जाने पर सरकार फैसला नहीं ले पा रही है। 


प्रचंड लू और सूरज की तपिश की वजह से दक्षिण बिहार में लगातार चौथे दिन आसमान से आग बरसती रही। बुधवार को भी बक्सर राज्यभर में सबसे गर्म रहा। यहां बुधवार को अधिकतम तापमान 44.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और हीट वेव के हालात बने रहे। दूसरा सबसे गर्म शहर नवादा रहा। यहां का अधिकतम तापमान 44 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। कुल 8 जिलों में अधिकतम पारा 43 डिग्री के पार रहा। गया में इस सीजन की सबसे अधिक गर्मी रही और पारा इस साल के शिखर पर रहा। सामान्य से पांच डिग्री अधिक तापमान रहने की वजह से बुधवार को पटना 42.8 डिग्री के साथ प्रचंड गर्मी को झेलता रहा। बक्सर समेत 8 जिले हीट वेव की चपेट में रहे। रोहतास 43.2, शेखपुरा 43.2, जमुई 43.4, औरंगाबाद 43.5, बांका 43.5 और नवादा 44 डिग्री में झुलसता रहा।


पटना में तेज धूप और प्रचंड गर्मी से बीमार होनेवाले मरीज अब अस्पतालों के इमरजेंसी वार्ड में भी भर्ती होने लगे हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या स्कूली बच्चों की है। पीएमसीएच में पिछले तीन दिनों में ऐसे मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। मरीजों के शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन की स्थिति बनी है और डायरिया बुखार की शिकायत ज्यादा है। अस्पतालों के ओपीडी में भी डायरिया, तेज बुखार, सिर में तेज दर्द, लू लगने के साथ ही यूरीन इंफेक्शन की समस्या लिए मरीज पहुंच रहे हैं।