पद्मश्री मिलने के बाद CAA का विरोध, झारखंड का यह लोकगायक आंदोलनकारियों के साथ हुआ खड़ा

पद्मश्री मिलने के बाद CAA का विरोध, झारखंड का यह लोकगायक आंदोलनकारियों के साथ हुआ खड़ा

RANCHI : झारखंड के जिस लोकगायक को दो दिन पहले पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया। वह गणतंत्र दिवस के मौके पर CAA का विरोध करने वाले आंदोलनकारियों के साथ जा खड़ा हुआ। झारखंड के मधु मंसूरी CAA के खिलाफ आंदोलनकारियों के समर्थन में हैं। 


रांची में CAA के खिलाफ चल रहे आंदोलन के मंच पर पद्मश्री पाने वाले मधु मंसूरी भी पहुंचे और उन्होंने अपना मशहूर गाना भी गाया। मधु मंसूरी का गाना "गांव छोड़ब नाहीं, जंगल छोड़ब नाहीं, माई माटी छोड़ब नाहीं, लड़ाई छोड़ब नाहीं" काफी लोकप्रिय है। 


71 साल के मधु मंसूरी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह CAA का विरोध करते हैं इसलिए आंदोलनकारियों के साथ खड़े हैं। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ रांची में आयोजित एक बड़ी जनसभा के सामने मंसूरी ने जब अपना गाना गाया तो वह पूरे लय में थे।