नीतीश राज में सरकार से ज्यादा पॉवरफुल है बालू माफिया, बिक्रम में RTI वर्कर की हत्या से खुला राज

नीतीश राज में सरकार से ज्यादा पॉवरफुल है बालू माफिया, बिक्रम में RTI वर्कर की हत्या से खुला राज

PATNA : उसने पटना में सरकार की नाक के नीचे हो रहे अवैध बालू खनन को लेकर सूचना के अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी थी. जानकारी तो नहीं दी गयी, बालू माफियाओं से हत्या की धमकी जरूर मिलने लगी. दहशत में आया RTI वर्कर थाने में हत्या की धमकी मिलने की FIR लिखवाने गया, थाने से उसे भगा दिया गया. थाने से निराश होकर वो सुरक्षा की गुहार लगाने पटना के एसएसपी के पास पहुंचा. लेकिन आखिरकार नतीजा ये हुआ कि बालू माफियाओं ने उसे गोलियों से भून डाला.


ये नीतीश राज और पुलिस की हकीकत है
ये कहानी है पटना के रानी तालाब के जनपारा गांव के आरटीआई कार्यकर्ता पंकज सिंह की. कल पंकज सिंह को गोलियों से भून डाला गया. उसकीलाश बेरर कटारी बांध के पास पायी गयी. पंकज सिंह ने पटना के रानी तालाब से लेकर परेब तक लगातार हो रहे अवैध बालू खनन के खिलाफ आवाज उठायी थी. उसने राज्य सरकार के खनन विभाग से जानकारी मांगी थी कि किसके आदेश पर उस इलाके में बालू का अवैध खनन हो रहा है. अगर राज्य सरकार की मंजूरी नहीं है तो फिर बालू खनन पर रोक क्यों नहीं लग रही है.


थाने से लेकर SSP तक जान बचाने की गुहार लगाता रहा
पंकज के परिजन बताते हैं कि आरटीआई के तहत सूचना मांगने के बाद उसे जान से मारने की धमकियां मिलने लगी. 6 महीने पहले बालू माफियाओं ने उसे सरेआम जान मारने की धमकी दी थी. इस धमकी की प्राथमिकी दर्ज कराने पंकज रानी तालाब थाने पहुंचा लेकिन पुलिस ने आवेदन लेने तक से इंकार कर दिया. हार कर उसने पटना के SSP को आवेदन देकर अपनी जान बचाने की गुहार लगायी थी. बालू माफियाओं से सहमे पंकज सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय तक को पत्र भेजकर अवैध खनन और अपने जान पर खतरे की जानकारी दी थी. लेकिन सारी गुहार बेकार गयी. कल उसकी बेदर्दी से हत्या कर दी गयी.


सरकार से पॉवरफुल है बालू माफिया
पटना से लेकर सूबे के कई जिलों में काम कर रहे बालू माफिया सरकार से ज्यादा पॉवरफुल है. वैसे खुद नीतीश कुमार ने ये एलान किया था कि वे बिहार से बालू माफियाओं को खत्म कर देंगे. लेकिन जब पूरा सिस्टम ही इस खेल में शामिल हो तो मुख्यमंत्री के एलान का क्या महत्व. जानकार जानते हैं कि पुलिस से लेकर खनन विभाग के मेलजोल के बगैर बालू माफियाओं का खेल चल नहीं सकता. पंकज सिंह की हत्या ने इसी हकीकत को फिर से उजागर कर दिया है.