नीतीश को जगदानंद ने दिया जवाब: जो पाप करता है वही झुंझलाता है, दम है तो अपने घर और पार्टी ऑफिस पर सरकारी खर्च का हिसाब दीजिये

नीतीश को जगदानंद ने दिया जवाब: जो पाप करता है वही झुंझलाता है, दम है तो अपने घर और पार्टी ऑफिस पर सरकारी खर्च का हिसाब दीजिये

PATNA : पटना में राजद दफ्तर के लिए सरकार से औऱ जमीन मांग रहे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर कल नीतीश कुमार हत्थे से उखड़ गये थे. आज जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार को जवाब दिया. जगदानंद बोले-नीतीश जी, जो पाप करता है वही आपकी तरह झुंझलाता है. अगर आपमें औऱ आपकी सरकार में हिम्मत है तो सिर्फ इतना बताइये कि आपके आवास और पार्टी दफ्तर में कितना सरकारी पैसा उड़ाया गया. जगदानंद ने आज फिर से नीतीश औऱ जेडीयू के बेहिसाब सरकारी संपत्ति के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए उसका हिसाब किताब बताया. 


पार्टी ऑफिस के लिए जमीन को लेकर सियासी संग्राम
दरअसल मामला जगदानंद सिंह के उस पत्र के बाद शुरू हुआ है जिसमें उन्होंने पटना में राजद कार्यालय के लिए और जमीन मांगी थी. जगदानंद ने कहा था कि बिहार विधानसभा में तीन नंबर की पार्टी जेडीयू को सरकार ने ऑफिस चलाने के लिए लगभग ढ़ाई बीघा सरकारी जमीन दे रखी है. बीजेपी के पास भी उससे थोड़ी कम जमीन है. लेकिन सबसे बड़ी पार्टी राजद को दफ्तर के लिए तकरीबन पंद्रह कट्ठे के रकबे वाला मकान मिला है. जगदानंद सिंह के पत्र के बाद शुक्रवार को जब नीतीश कुमार से मीडिया ने सवाल पूछा था वे झुंझला गये थे. नीतीश ने कहा था-उ जो बोलता है वह उसी से पूछिये. आसमान से लाकर जमीन दे दें क्या. 


जगदानंद ने बताया कैसे बहाया गया सरकारी पैसा
जगदानंद सिंह आज प्रेस कांफ्रेंस करने बैठ गये. उन्होंने कहा कि वे तो सरकार से सिर्फ ये कह रहे थे कि राजद के लिए कुछ और जमीन दे दीजिये. लेकिन नीतीश कुमार झुंझला गये. जगदानंद बोले“नीतीश जी आपके चेहरे की झुंझलाहट बता रही थी कि आप पाप कर रहे हैं. जो पाप करता है वही ऐसे झुंझलाता है.”


जगदानंद सिंह ने जेडीयू के दफ्तर के लिए किस तरह से सरकारी पैसा बहाया गया उसकी फिर से पूरी पोल खोली. उन्होंने कहा कि जेडीयू को पार्टी ऑफिस चलाने के लिए तीन विधायक फ्लैट को मिलाकर जगह दी गयी थी. नीतीश कुमार ने 25 एमएलए फ्लैट को तुड़वा कर उसे अपनी पार्टी ऑफिस में मिला लिया. सरकार ने उतनी जमीन नीतीश कुमार की पार्टी को गिफ्ट कर दिया. राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जेडीयू ऑफिस के पास से एक सार्वजनिक सड़क गुजरती थी. उस सार्वजनिक सड़क को भी बंद कर दिया गया. उस जमीन को भी जेडीयू दफ्तर के लिए दे दिया गया.


करोड़ो खर्च कर हॉल-बिल्डिंग बनायी गयी
राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में हर मान्यता प्राप्त पार्टी को सरकार से ऑफिस की जगह मिली है. राजद को मिले सरकारी ऑफिस में एक शेड भी लगाना होता है तो पार्टी को अपने पैसे से उसे लगाना होता है. लेकिन राज्य सरकार ने आम लोगों के सरकारी पैसे से करोड़ो खर्च कर जेडीयू ऑफिस में सभागार बनवाया. जेडीयू के दफ्तर के विस्तार से लेकर साज सज्जा में कितनी सरकारी राशि खर्च हुई इसका कोई हिसाब ही नहीं है.


जगदानंद ने कहा कि नीतीश में दम है तो वे सिर्फ ये बता दें कि सरकार ने जेडीयू के ऑफिस पर कितना पैसा खर्च किया. सरकार ये बताये कि जब जेडीयू को सरकारी ऑफिस मिली थी तो कुल बिल्ड-अप एरिया कितना था. यानि कितने जमीन में मकान बना था. अब बिल्ड-अप एऱिया कितना है. जगदानंद सिंह ने कहा कि जेडीयू के ऑफिस के बिल्ड अप एरिया को कम से कम 15 गुणा बढ़ा दिया गया. ये सारा खर्च सरकार ने किया.


नीतीश बतायें अपने आवास पर कितना खर्च किया
जगदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जिस एक अण्णे मार्ग को सीएम आवास बना रखा है, उसमें उनसे पहले लालू प्रसाद यादव-राबड़ी देवी भी सीएम के तौर पर 15 साल रहे. उससे पहले बिन्देश्वरी दूबे भी मुख्यमंत्री के रूप में उसी एक अण्णे मार्ग में रहते थे. सब का काम उसी बिल्डिंग औऱ कैंपस से चल गया. लेकिन नीतीश कुमार ने एक अण्णे मार्ग के चारों ओर के बिल्डिंग को सीएम आवास में मिला लिया. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री रहते पूर्व सीएम के नाम पर भी आवास रख लिया. पूर्व सीएम आवास में भी बिल्डिंग को ध्वस्त करा कर नयी बिल्डिंग बनवायी. उसमें अगल बगल के सरकारी भवनों की जमीन को मिला लिया.


जगदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं है. पटना के कई औऱ सरकारी भवनों पर जेडीयू औऱ जेडीयू के नेताओं का कब्जा है. उन्होंने सवाल पूछा कि सांसद औऱ केंद्र में मंत्री किस हैसियत से सरकारी मकान में रहते हैं. जेडीयू के एक औऱ राज्यसभा सांसद को किस हैसियत से पटना में सरकारी आवास मिला हुआ है. किस नियम के तहत सरकार ने उन्हें रहने के लिए आलीशान बंगले दिये हैं.


राजद के प्रदेश अध्यक्ष  ने कहा कि नीतीश की महिमा अनंत औऱ अपरंपार है. उनके राज में भ्रष्टाचार औऱ अनैतिकता की अंतिम सीमा भी पार हो गयी है. राजद ने अपने दफ्तर के लिए थोड़ी सी जमीन मांगी थी तो सरकार ने कह दिया कि वह हाईकोर्ट पूल की जमीन है. जबकि सरकारी जमीन ट्रांसफर होती रहती है. नीतीश कुमार ने जजों के बंगलों को तुड़वा कर म्यूजियम बना दिया. जज का ही बंगला तोड़ कर ज्ञान भवन औऱ बापू सभागार बना. उस समय सरकार ने कैसे जमीन का ट्रांसफर कर दिया. अब चूकि राजद विपक्षी पार्टी है और उसे जमीन नहीं देनी है तो बहाने गढ़े जा रहे हैं.