नीतीश को अब 'चिराग' की लौ बर्दाश्त नहीं, BJP के बड़े दरबार में पहुंच गया है मामला

नीतीश को अब 'चिराग' की लौ बर्दाश्त नहीं, BJP के बड़े दरबार में पहुंच गया है मामला

PATNA : बिहार एनडीए में नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच रिश्तों की कड़वाहट लगातार देखी जा रही है. जेडीयू और एलजेपी भले ही बीजेपी के साथ एनडीए में शामिल हों लेकिन दोनों दलों के बीच पटरी नहीं बैठ रही. आलम यह है कि बीजेपी के दोनों सहयोगी दल एक दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते. विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एनडीए में आइए कड़वाहट बीजेपी के लिए भी परेशानी का सबब बनते जा रही है. नीतीश कुमार को उनके ही अंदाज में जवाब देने वाले एलजेपी अध्यक्ष एक चिराग पासवान बेहद आक्रामक रवैया अपना चुके हैं. जेडीयू और एलजेपी के बीच मौजूदा रिश्तो की हकीकत यह है कि जिस तरह तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर हमला बोलते हैं, चिराग भी उसी अंदाज में निशाना साध रहे हैं.




नीतीश के सिर के ऊपर गया पानी
बिहार में कानून व्यवस्था से लेकर शिक्षकों की हड़ताल तक मुद्दे पर नीतीश सरकार को आईना दिखाने वाले चिराग पासवान में गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का एप्रोच रोड टूटने के बाद एक बार फिर से सवाल खड़े किए थे. चिराग ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए बिहार में करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल उठाया था. अप्रोच रोड के टूटने वाली सड़क के साथ चिराग में पूछा था कि '264 करोड़ की लागत से बने पुल का एक हिस्सा आज ध्वस्त हो गया है. जनता के पैसे से किया कोई भी कार्य पूरी गुणवत्ता से किया जाना चाहिए था. इस तरह की घटनायें जनता की नजर में ZERO CORRUPTION पर सवाल उठाती है. लोजपा माँग करती है की उच्च स्तरीय जाँच कर जल्द दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करे.'


चिराग पासवान के पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी कुछ इसी अंदाज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा था. फेसबुक के तंज पर जवाब देने के लिए नीतीश सरकार ने पहले ही अपने मंत्रियों को मैदान में उतार दिया था लेकिन चिराग पासवान का यह ट्वीट मुख्यमंत्री को बेचैन कर गया. नीतीश खुद समझ नहीं पाए कि वह इस मामले पर कैसे रिएक्ट करें. हालांकि जेडीयू के किसी नेता ने चिराग पासवान के बयान पर पलटवार नहीं किया लेकिन जानकार बताते हैं कि चिराग के हमले के बाद पानी नीतीश कुमार के सिर के ऊपर पहुंच गया है.




दिल्ली दरबार मे मामला
गोपालगंज के मामले को लेकर चिराग पासवान ने जिस तरह नीतीश कुमार की नीतियों पर सवाल खड़ा किया है वह जेडीयू को बर्दाश्त नहीं हो रहा. नीतीश कुमार के शासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति सबसे ऊपर है और चिराग ने नीतीश के सबसे मजबूत संकल्प पर निशाना साधा है. ऐसे में बेचैन जनता दल यूनाइटेड ने इस मामले को दिल्ली दरबार तक पहुंचा दिया है. जानकार सूत्रों की माने तो चिराग पासवान की शिकायत जेडीयू ने बीजेपी के बड़े नेताओं से की है. नीतीश कुमार की तरफ से बीजेपी के बड़े नेताओं को यह संदेश भिजवा दिया गया है कि चिराग का यह अंदाज अब काबिले बर्दाश्त नहीं है.


गठबंधन में रहकर सरकार की खिंचाई और खास तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों पर सीधे-सीधे हमला करना जेडीयू को कबूल नहीं. जदयू ने इस मामले में बीजेपी के बड़े नेताओं को हस्तक्षेप करने के लिए कहा है. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को यह बता दिया है कि अगर चिराग का रवैया नहीं सुधरा तो आगे विधानसभा चुनाव को लेकर मुश्किल होगी. हालांकि अब तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि दिल्ली दरबार में बैठे बीजेपी के नेताओं ने जेडीयू की शिकायत पर क्या पहल की है.


चिराग के लिए लिटमस टेस्ट
एनडीए में एलजेपी और जेडीयू के बीच अब तक जो कुछ चल रहा था वह दोनों दलों तक ही सीमित था. दोनों में से किसी भी दल ने बीजेपी को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए नहीं कहा था लेकिन अब ऐसा पहली बार हुआ है कि जेडीयू ने चिराग पासवान को लेकर बीजेपी का दरवाजा खटखटाया है. ऐसे में अब चिराग पासवान के लिए भी वक्त लिटमस टेस्ट का है. अगर वाकई चिराग के रिश्ते बीजेपी के साथ मजबूत है तो जेडीयू के एतराज से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. आने वाले में दिनों में चिराग का रुख नीतीश कुमार या फिर जनता दल यूनाइटेड को लेकर क्या रहता है, यही इस बात का सबूत देगा कि चिराग एनडीए में अपना पता कितना मजबूत रख पाए हैं. हालांकि चिराग पासवान ने बिहार में कोरोना संकट को लेकर केंद्र सरकार की पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए एक और दांव खेल दिया है. चिराग ने केंद्रीय टीम को बिहार में जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया था. अब चिराग और नीतीश के बीच की तनातनी जिस दौर में पहुंच चुकी है उसका क्लाइमैक्स बेहद दिलचस्प होने की उम्मीद है.