अजगैबीनाथ मंदिर में पूजा करने पहुंचे श्रद्धालुओं को पुलिस ने भगाया, मंत्री शीला मंडल पहुंची तो खुल गया बैरिकेडिंग

अजगैबीनाथ मंदिर में पूजा करने पहुंचे श्रद्धालुओं को पुलिस ने भगाया, मंत्री शीला मंडल पहुंची तो खुल गया बैरिकेडिंग

BHAGALPUR : बिहार में कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल अनलॉक 4 की गाइड ललाइन लागू है। धार्मिक स्थलों को आम लोगों के लिए बंद रखा गया है। सावन के पवित्र महीने में लोग भगवान भोले शंकर की पूजा भी नहीं कर पा रहे हैं। राज्य के प्रसिद्ध अजगैबीनाथ मंदिर में भी भक्तों को पूजा करने की इजाजत नहीं है। सावन की दूसरी सोमवारी के मौके पर भक्तों जब सुल्तानगंज स्थित अजगैबीनाथ मंदिर पहुंचे तो ना तो उन्हें घाट पर जाने दिया गया और ना ही मंदिर में। कोरोना गाइडलाइन का हवाला देते हुए पुलिस और प्रशासन ने भक्तों को वहां से भगा दिया लेकिन जैसे ही राज्य सरकार की मंत्री शीला मंडल वहां पहुंची बैरिकेडिंग हटा दी गई। सूत्रों के मुताबिक मंत्री शीला मंडल ने ना केवल सुल्तानगंज घाट पर गंगा में डुबकी लगाई बल्कि अजगैबीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। 



सरकार की तरफ से तय किए गए नियमों का राज्य सरकार के मंत्री कितना पालन करते हैं इसका अंदाजा सुल्तानगंज में लोगों को हो गया। दरअसल राज्य की परिवहन मंत्री शीला मंडल सुल्तानगंज के दौरे पर थीं। सुल्तानगंज पहुंचकर उन्होंने अजगैबीनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने अजगैबीनाथ मंदिर जाने वाले सभी रास्ते को बंद कर रखा है। गंगा घाटों पर भी लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी है। सोमवारी का दिन होने के कारण जब लोग इस इलाके में पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें वहां से भगा दिया लेकिन मामला जब मंत्री जी का आया तो अजगैबीनाथ मंदिर जाने वाले रास्ते की बैरिकेडिंग हटा दी गई। मंत्री शीला मंडल अपने स्टाफ और समर्थकों के साथ पहले गंगा घाट पहुंची और फिर अजगैबीनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। 


मंत्री को मिले इस वीआईपी ट्रीटमेंट और कोरोना गाइडलाइन उनके लिए लागू नहीं होने पर स्थानीय लोगों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि कोरोना गाइडलाइन केवल आम लोगों के लिए है जबकि पुलिस प्रशासन मंत्री को वीआईपी ट्रीटमेंट देकर मंदिर में पूजा अर्चना करवाता है। उधर इस मामले पर मंत्री शीला मंडल ने अपनी सफाई दी है। शीला मंडल ने कहा है कि उन्होंने सुल्तानगंज दौरे के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया। मास्क का इस्तेमाल किया। मंत्री ने कहा कि उन्होंने गंगा में स्नान नहीं किया केवल जल शरीर पर छींटकर कपड़े बदले। मंत्री का दावा है कि अजगैबीनाथ मंदिर में उन्होंने पूजा अर्चना नहीं की बल्कि बाहर से ही पूजा कर वापस लौट गई। इस मामले में फजीहत होने के बाद मंत्री ने कहा है कि कोरोना गाइडलाइन सभी के लिए बराबर है और उन्होंने नियम नहीं तोड़े हैं।