नए साल में बिहार के लोगों को मोदी सरकार देगी बड़ा उपहार, गडकरी करेंगे इस सड़क मार्ग का लोकार्पण

नए साल में बिहार के लोगों को मोदी सरकार देगी बड़ा उपहार, गडकरी करेंगे इस सड़क मार्ग का लोकार्पण

PATNA : नए साल में केंद्र की मोदी सरकार बिहार के लोगों को बड़ा उपहार देने का प्लान तय किया है। यह उपहार मोदी कैबिनेट के सबसे चर्चित और लोकप्रिय नेता के विभाग के तरफ से दिया जा रहा है। जिसको लेकर चर्चा की बाजार गर्म है की क्या भाजपा को इससे फायदा मिलेगा या अपने काम को लेकर हमेशा लोगों के बीच चर्चा में रहने वाले मंत्री का बस यह भी एक परियोजना है। 


दरअसल, आगामी केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी  5 जनवरी को पटना-गया-डोबी फोरलेन (एनएच-83) का लोकार्पण करेंगे। राज्य सड़क निर्माण विभाग ने इसकी जानकारी दी है । ब गडकरी बिहार में 20 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इसमें अमस-दरभंगा के बीच 230 किलोमीटर लंबे नियंत्रित एक्सप्रेसवे की आधारशिला भी रखी जाएगी। यह समारोह दरभंगा में आयोजित किए जाने की संभावना है।


अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आदिलबारी (सोनपुर)-मानिकपुर (पूर्वी-चंपारण) रोड, सीवान-मसरख और सीवान-हतौना रोड पर काम शुरू करने की औपचारिकता भी पूरी करेंगे। आदिलबारी-मानिकपुर रोड बुद्ध सर्किट, तो सीवान-मसरख और हतौना रोड रामायण सर्किट का हिस्सा है।इसके अलावा गलगलिया-ठाकुरकंज-बहादुरगंज (एनएच 328ई) और पूर्णिया-टकिहार-नरेनपुर (एनएच 131ए) का उद्घाटन किए जाने की संभावना है। वे पटना-सरिस्ताबाद-नाथुपुर के बीच 3 किलोमीटर लंबे फोरलेन विस्तार की आधारशिला रखेंगे। यह रोड पटना-गया-डोभी फोरलेन को सरिस्ताबाद में पटना बायपास के पास जोड़ेगा।


मालूम हो कि, 2015 में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने पटना-गया-डोभी फोरलेन की लागत 5519 करोड़ आंकी थी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने परियोजना को पूरा करने के लिए अंतिम समय सीमा मार्च 2023 निर्धारित की थी, लेकिन गया में रेल ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए भारतीय रेलवे से मंजूरी नहीं मिलने के कारण इसमें देरी हुई। अधिकारी ने बताया कि एनएच-83 का 95 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है, जबकि आरओबी का निर्माण अंतिम चरण में है। एक बार यह पूरा हो जाने पर, पटना से डोभी तक सड़क से महज तीन घंटे के अंदर पहुंचा जा सकेगा। अभी विभिन्न पैच पर काम चलने के कारण पटना से गया पहुंचने में ही तीन घंटे से अधिक का समय लग जाता है।


आपको मालूम हो कि, पटना हाईकोर्ट ने भी पटना-गया-डोभी सड़क के निर्माण में अत्यधिक देरी को गंभीरता से लिया था। इसके बाद बिहार में सभी एनएच कार्यों की निगरानी शुरू कर दी गई थी। उस समय हाईकोर्ट ने एनएचएआई के अध्यक्ष को भी तलब किया था और निर्माणाधीन परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का निर्देश दिया था।