मोदी सरकार ने मानी तेजस्वी की बात: कॉलेज और यूनिवर्सिटी में भरे जाएंगे 6000 से अधिक खाली पद, SC-ST और OBC की होगी बहाली

मोदी सरकार ने मानी तेजस्वी की बात: कॉलेज और यूनिवर्सिटी में भरे जाएंगे 6000 से अधिक खाली पद, SC-ST और OBC की होगी बहाली

PATNA : इस वक़्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. केंद्र सरकार की ओर से एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए छात्र-छात्राओं और युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. मोदी सरकार ने बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी की मांग को पूरी कर दी है. केंद्र सरकार ने केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के खाली पदों को मिशन मोड पर भरने का फैसला किया है.


बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है. तेजस्वी ने केंद्रीय उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे की ओर से जारी पत्र को भी सोशल मीडिया पर साझा किया है. जिसमें सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी के सभी बैकलॉग पोस्ट एक साल के भीतर भरने का आदेश जारी किया गया है.



तेजस्वी यादव ने लिखा है कि "विगत 7 अगस्त को जातिगत जनगणना, आरक्षित कोटे से बैकलॉग रिक्तियों को अविलंब भरने और मंडल कमीशन की शेष अनुशंसाओं को लागू कराने की माँगो को लेकर हमने राज्यस्तरीय विशाल प्रदर्शन किया था. खबर मिली है केंद्र ने बैकलॉग रिक्तियों को भरने का निर्देश दिया है. यह आप सबों की सामूहिक जीत है."


गौरतलब हो कि केंद्रीय उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि फैकल्टी के रिक्त पदों को मिशन मोड में भरा जाना चाहिए. इसकी शुरुआत पांच सितंबर 2021 से करने को कहा गया है. जबकि भर्ती प्रक्रिया संपन्न करने की अतिम तिथि 4 सितंबर 2022 तय की गई है.



सचिव अमित खरे ने अपने पत्र में एससी, एसटी, ओबसी और इडब्लूएस वर्ग के रिक्त पदों को भरने पर विशेष ध्यान देने को कहा है. साथ ही इस संबंध में शिक्षा सचिव अमित खरे ने सभी केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को पत्र लिखकर हर महीने प्रगति रिपोर्ट देने को कहा है. उन्होंने भर्ती की पूरी प्रक्रिया की समुचित निगरानी भी सुनिश्चित करने को कहा के लिए कहा है. इसके लिए शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को हर महीने इस संबंध में हुई प्रगति की रिपोर्ट देने को कहा गया है. ऐसा इसीलिए किया गया है कि ताकि किसी संस्थान में आ रही कोई विशेष समस्या को तत्काल दूर किया जा सके.


सचिव अमित खरे ने आरक्षित श्रेणी के पदों की रिक्तियों और उन्हें भरने के लिए किए जा रहे प्रयासों की निगरानी के लिए दूरगामी प्रणाली भी तैयार करने को कहा है. इसके तहत सभी केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों को चालू शैक्षिक सत्र से ही अपनी सालाना रिपोर्ट में अलग से रिक्त पदों को दर्शाने को कहा गया है.