मिशन असम के लिए JDU ने बढ़ाया कदम, पिछली बार अजमल से वादा करके मुकर गए थे नीतीश

मिशन असम के लिए JDU ने बढ़ाया कदम, पिछली बार अजमल से वादा करके मुकर गए थे नीतीश

PATNA : असम विधानसभा चुनाव के लिए जनता दल यूनाइटेड ने अपना मिशन शुरू कर दिया है. पार्टी के दो प्रमुख नेता गुवाहाटी में हैं और पिछले 2 दिनों में में इन्होंने जनता दल यूनाइटेड के स्थानीय नेताओं के साथ बैठक की है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और असम के प्रभारी गुलाम रसूल बलियावी के साथ-साथ बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार गुवाहाटी दौरे पर हैं. असम विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने उतरने का फैसला किया है लेकिन इस बार यहां किसी गठबंधन के साथ उसका एडजस्टमेंट मुश्किल नजर आ रहा है. बावजूद इसके पार्टी के नेता इस विकल्प को टटोल रहे हैं कि कितनी सीटों पर जेडीयू के उम्मीदवार उतारने चाहिए.


असम में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और तीन चरण में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं. असम में जो मौजूदा गठबंधन है उसमें बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए AIUDF ने कमर कस रखी है. AIUDF वही पार्टी है जिसके सुप्रीमो लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल हैं.  अजमल की पार्टी के साथ मिलकर जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल ने साल 2016 का विधानसभा चुनाव लड़ा था. साल 2016 में जनता दल यूनाइटेड को इससे गठबंधन में 8 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का मौका मिला. लेकिन उसे किसी भी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई.


उस दौर में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे अरुण कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि बदरुद्दीन अजमल की पार्टी से गठबंधन को लेकर उन्होंने ही बातचीत आगे बढ़ाई थी. तब नीतीश कुमार ने यह भरोसा दिया था कि AIUDF गठबंधन के लिए वह बिहार से असम जाकर चुनाव प्रचार करेंगे. लेकिन बाद में नीतीश कुमार ने इसमें दिलचस्पी नहीं ली. फर्स्ट बिहार से बातचीत में अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि नीतीश कुमार ने वादा किया था कि वह असम चुनाव में जाकर जनसभा को संबोधित करेंगे. लेकिन हद तो तब हो गई जब नीतीश कुमार ने अजमल का फोन उठाना बंद कर दिया.


श्रीवास्तव की मानें तो जनता दल यूनाइटेड ने चुनाव लड़ने के पहले कि 2016 में हथियार डाल दिया था. नतीजा सामने रहा. स्थानीय नेताओं की तरफ से मजबूती दिखाने के बावजूद पार्टी कुल 3 सीटों पर अपनी जमानत बचा पाई थी.


अजमल की पार्टी को 2016 में शिक्षा के सफलता मिली लेकिन लालू और नीतीश अपनी पार्टी के लिए वहां खाता नहीं खोल पाए. अब अजमल भी जेडीयू को भाव नहीं दे रहे क्योंकि नीतीश कुमार एनडीए गठबंधन के साथ है. राष्ट्रीय जनता दल असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AIUDF के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला कर चुकी है. गुवाहाटी दौरे पर गए तेजस्वी यादव ने खुद अजमल से मुलाकात की थी.


उधर पार्टी की तरफ से असम में चुनावी मिशन को आगे बढ़ाने गए गुलाम रसूल बलियावी कड़ी मेहनत कर रहे हैं. बलियावी को पता है कि दिग्गजों की लड़ाई के बीच जनता दल यूनाइटेड के लिए अपने आप को मैदान में खड़े रख पाना आसान नहीं है इसके बावजूद उन्होंने वहां संगठन पर काम किया है औए आज तक मुस्लिम वोट बैंक पर उनकी नजर है.


बलियावी और श्रवण कुमार आज ही गुवाहाटी से कोलकाता पहुंच जाएंगे और पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर वहां जेडीयू की अगली रणनीति पर बैठक करेंगे. जेडीयू ने असम में "नया आसाम-नीतीश कुमार" का नारा दिया है. बलियावी ने असम में जेडीयू के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा है कि एक तीर आदिवासियों की तरफ से जंगल में पेड़ और प्रकृति को बचाने के लिए चलता था और दूसरा तीर संविधान बचाने के लिए नीतीश कुमार चलाते हैं.


श्रवण कुमार ने भी अपने पार्टी के स्थानीय नेताओं से कहा है कि वह जितनी भी सीटों पर लड़े मजबूती के साथ लड़े. बिहार में किए जा रहे कामों की असम में चर्चा करें गुवाहाटी पहुंचे. जेडीयू के इन दूतों ने मिशन आसाम को भले ही एक्टिवेट कर दिया हो लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या आज नीतीश कुमार असम विधानसभा चुनाव का रुख करेंगे या पिछली बार की तरह है बिहार में ही बैठे रहेंगे.