मांझी ने दिखाए तेवर ; तेजस्वी के नेतृत्व पर उठाए सवाल, बोले- डिक्टेटरशिप नहीं चलेगा, भंग कर दें महागठबंधन

मांझी ने दिखाए तेवर ; तेजस्वी के नेतृत्व पर उठाए सवाल, बोले- डिक्टेटरशिप नहीं चलेगा, भंग कर दें महागठबंधन

PATNA : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के तेवर लगातार तल्ख होते चले जा रहे हैं। मांझी ने आरजेडी के 150 सीट के दावों पर भड़कते हुए कहा कि किसी की डिक्टेटरशिप यहां नहीं चलेगी। कोर्डिनेशन कमिटी की बात उठाते हुए कहा कि  अगर ज्यादा परेशानी हो रही तो महागठबंधन को भंग कर दे। वहीं उन्होनें तेजस्वी के नेतृत्व पर भी सवाल खड़े किए हैं।



जीतन राम मांझी ने आज कड़े तेवर दिखाते हुए कहा कि अगर किसी को अपनी मनमर्जी ही करनी है तो महागठबंधन चलाने की जरुरत ही क्या है, भंग कर दें इसे। उन्होनें कहा कि मैं बार-बार कोर्डिनेशन कमिटी बनाने की बात करता रहा हूं। जिसके जरिए सभी पार्टियां एक फोरम में अपनी बात रख सकेंगी। लेकिन आज तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।उन्होनें दो टूक कह दिया किसी की मनमर्जी नहीं चलेगी।


मांझी इतने पर ही नहीं रुके उन्होनें कहा कि लालू यादव के हाथ में नेतृत्व था तो बात कुछ और थी लेकिन अभी का नेतृत्व पावरफुल नहीं है। सभी दल जबतक एक साथ नहीं बैठेंगे तबतक नेता का कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। उन्होनें कहा कि एनडीए के अंदर भी कोर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग हो रही है। यहीं संवैधानिक तरीका भी है महागठबंधन चलाने का किसी एक का निर्णय कहीं से मान्य नहीं हो सकता। उन्होनें कहा कि महागठबंधन को भंग करना है तो कर दें लेकिन महागठबंधन की टूट का मतलब होगा सीधे तौर पर बीजेपी को मदद पहुंचाना।


बता दें कि आरजेडी विधायक और पूर्व मंत्री विजय प्रकाश ने दावा किया था कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट होंगे। वहीं आरजेडी की तरफ से महागठबंधन में डेढ़ सौ सीटों पर दावेदारी भी पेश की गई थी।विजय प्रकाश ने कहा है कि आरजेडी की तैयारी बिहार के सभी 243 विधानसभा सीटों पर है और पार्टी कम से कम 150 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आरजेडी नेता ने कहा है कि लालू यादव ने तेजस्वी के नेतृत्व पर मुहर लगा दी है और महागठबंधन में शामिल सभी घटक दलों को इसे मानना ही पड़ेगा। इसके पहले आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी तेजस्वी के नेतृत्व को अपने पार्टी का अंतिम फैसला बताया था।


इधऱ कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह भी महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट को लेकर तेजस्वी के नाम को स्वीकार करने से मना करते हुए इस पर चर्चा की जरूरत बता चुके हैं।वहीं जीतन राम मांझी पहले से ही किसी दलित या मुस्लिम को सीएम कैंडिडेट बनाने की मांग कर रहे हैं।