लालू ने कमजोरों को आवाज दी लेकिन शिक्षा नहीं, PK ने नीतीश को पेंडुलम बताया

लालू ने कमजोरों को आवाज दी लेकिन शिक्षा नहीं, PK ने नीतीश को पेंडुलम बताया

PATNA : चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बनने की राह पर निकल चुके प्रशांत किशोर के निशाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहे हैं, लेकिन प्रशांत किशोर ने अब अपनी जन सुराज यात्रा के दौरान लालू यादव की चर्चा की है। दरअसल, प्रशांत किशोर की जन सुराज यात्रा का आज 50 वां दिन था। प्रशांत किशोर पूर्वी चंपारण जिले के पहाड़पुर से अरेराज पहुंचे और इसी दौरान उन्होंने लालू यादव की चर्चा की। प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू यादव ने कमजोरों को आवाज दी लेकिन यह आवाज केवल लालू यादव के लिए नारेबाजी में ही व्यस्त रह गई। लालू यादव कमजोर और पिछड़े तबके के लोगों को शिक्षा मुहैया नहीं करा पाए।


प्रशांत किशोर ने लालू यादव की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि बिहार में लालू ने सामाजिक न्याय के नाम पर समाज को आवाज दी लेकिन उनको शिक्षा मुहैया नहीं करा पाए। लालू अगर लोगों को शिक्षा भी मुहैया करा देते तो बिहार में बड़ा बदलाव हो जाता। जिस समाज को लालू यादव ने आवाज दी वह उनके समर्थन में नारे तो लगा सकता है लेकिन उनकी बराबरी में कभी बैठ नहीं सकता था। इतना ही नहीं प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की भी आज जन सुराज यात्रा के दौरान चर्चा की। पीके ने कहा कि नीतीश कुमार पेंडुलम की तरह बिहार की राजनीति में झूल रहे हैं। कभी कमल तो कभी लालटेन के बीच झूलते नीतीश ने बिहार की किस्मत खराब कर दी है। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार जब लालटेन के साथ थे और जनता ने उन्हें वोट दिया तो वह जाकर बीजेपी में मिल गए और जब बीजेपी के साथ थे, जनता ने उन्हें वोट दिया तो लालटेन की तरफ जा पहुंचे। पीके ने लोगों से अपील की कि ऐसे लोगों को वोट ना दें जो अपना पाला बदल लेते हैं।


प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में शराबबंदी की वजह से नीतीश कुमार बिहार की जनता से यूपी के मुकाबले डीजल में हर लीटर 9 रुपए ज्यादा वसूल रहें हैं। पीके ने कहा कि मोदी जी आपसे पेट्रोल का दाम सौ रुपए लेते हैं, लेकिन बिहार में आपको पेट्रोल पर 13 रुपए प्रति लीटर ज्यादा देने पड़ते हैं। इसपे नीतीश जी का तर्क है कि शराबबंदी की वजह से ये बढ़े हुए दामों का असर जनता की जेबों पर पड़ रहा है और वो भी तब जब बिहार में शराब की धड़ाके से होम डिलीवरी हो रही है। जब बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से विफल है उसके बावजूद लोगों को शराबबंदी का हर्जाना पेट्रोल-डीजल की ज्यादा कीमत देकर चुकानी पड़ रही है।