DIG ने शराबी दारोगा को किया गिरफ्तार, नशे की हालत में 'नाच' रहा था, जा सकती है नौकरी

DIG ने शराबी दारोगा को किया गिरफ्तार, नशे की हालत में 'नाच' रहा था, जा सकती है नौकरी

SAHARSA : बिहार में शराबबंदी के बावजूद लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं कि शराब माफिया चोरी-छिपे शराब की तस्करी कर रहे है. विपक्ष भी लगातार होम डिलीवरी की बात बोलकर नीतीश सरकार को निशाने पर ले रहा है. लेकिन हैरानी की बात है कि जिनके कंधे पर इस कानून को जमीन पर लागू करने की जिम्मेदारी है, वे खुद ही शराब पीकर डिपार्टमेंट की नाक कटा रहे हैं. ताजा ममला सहरसा जिले का है, जहां कोसी डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण ने नशे में धुत एक दारोगा को खुद पकड़ा है. दारू पीकर टल्ली हुए इस दारोगा के खिलाफ डीआईजी ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. सीएम के आर्डर के अनुसार इस दारोगा की नौकरी भी जा सकती है.


मामला सहरसा जिले का है, जहां नशे की हालत में झूम रहे एक दारोगा को कोसी के डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण ने खुद पकड़ा है. दरअसल डीआईजी औचक निरीक्षण करने निकले थे. इस दौरान जैसे ही वह सौरबाजार थाना पहुंचे तो उन्होंने देखा कि दारोगा ओमप्रकाश राम नशे की हालत में मग्न में है. वह अपने ही धुन में नाच रहा है. दारोगा ओमप्रकाश राम को इस हालत में पकड़ने के बाद डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण ने फ़ौरन आदेश दिया कि उसे सौर बाजार पीएचसी ले जाया जाये. वहां पर एसपी गोपनीय में ब्रेथ एनलाइजर से जांच की गई तो नशे की पुष्टि हुई. जिसके बाद पर आरोपी दारोगा को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी दारोगा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. वही कुछ अन्य बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है.


गौरतलब हो कि आईपीएस प्रणव कुमार प्रवीण को इसी साल जनवरी महीने में कोसी प्रक्षेत्र के 43वें डीआइजी के रूप में पदस्थापित किया गया है. इससे पहले वे स्पेशल ब्रांच में एसपी थे. डीआइजी में प्रोन्नति होने के बाद उनकी पहली पदस्थापना कोसी रेंज के डीआइजी के रूप में हुई है. पदभार ग्रहण करने के बाद डीआइजी ने सबसे पहले अपने रेंज में लॉ एंड आर्डर की स्थिति को सुदृढ़ करने का दावा किया था.


आपको बता दें कि बीते 15 फ़रवरी को मधनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की अहम बैठक में सीएम नीतीश ने यह निर्णय लिया कि अगर कोई भी पुलिसवाला शराब पीते पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उसे तत्काल बर्खास्त कर दें. यानी कि उसकी नौकरी चली जाएगी. अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या सच में सरकार इतना कड़ा रुख अख्तियार करने जा रही है.


गौरतलब हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले महीने 15 फ़रवरी को मधनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की अहम बैठक में सीएम नीतीश ने यह निर्णय लिया. उन्होंने साफ़ निर्देश दिया है कि बिहार के पुलिसकर्मियों ने शराब नहीं पीने की शपथ ली है. अगर कोई भी पुलिसवाला शराब का सेवन करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे तत्काल उसी समय डिसमिस कर दिया जाये. अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उसे तत्काल बर्खास्त कर दिया जाये. सीएम ने कहा कि सभी चौकीदारों को भी एक-एक चीज की जानकारी होती है. गड़बड़ी पाए जाने पर ऐसे चौकीदारों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाये.


इस बैठक में मधनिषेध और उत्पाद विभाग के कमिश्नर बी कार्तिकेय धनजी, मंत्री सुनील कुमार, मुख्य सचिव दीपक कुमार, गृह सचिव आमिर सुबहानी और आईजी अमृत राज भी उपस्थित थे. बैठक में सीएम नीतीश ने कहा कि शराब का अवैध धंधा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. साथ ही गड़बड़ी करने वालों को भी सजा दी जा रही है. बिहार में शराबबंदी से पहले शराब का धंधा करने वाले अब क्या कर रहे हैं, विभाग इसकी जानकारी जुटाए.