चुनाव आते ही JDU ने याद कराया भूरा बाल का नारा, विजेंद्र यादव बोले- सीएम हाउस में नाच कराते थे लालू, पैसा का बैग सीधे उपर जाता था

चुनाव आते ही JDU ने याद कराया भूरा बाल का नारा, विजेंद्र यादव बोले- सीएम हाउस में नाच कराते थे लालू, पैसा का बैग सीधे उपर जाता था

PATNA : चुनाव पास आते ही जेडीयू ने भूरा बाल साफ करो वाला नारा लोगों को याद दिलाना शुरू कर दिया है. जेडीयू कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने मंत्री विजेंद्र यादव ने इस नारे की याद दिलायी. लालू यादव पर तीखा हमला बोलते हुए विजेंद्र यादव ने कहा कि उन्हें वो दौर याद है जब सीएम हाउस में नाच होता था और पैसे का बैग सीधे उपर जाता था.


भूरा बाल साफ करो
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे हैं. आज शाम मुंगेर, शेखपुरा समेत दूसरे जिलों के जेडीयू कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के मंत्री विजेंद्र यादव ने भूरा बाल साफ करो का नारा दुहराया. मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि कौन हैं वो लोग जिन्होंने भूरा बाल साफ करो का नारा दिया था. वे वही लोग हैं जो आज विकास की बात कर रहे हैं. बिहार में जब उनका राज था तो विकास का मतलब था भूरा बाल साफ करो.


विजेंद्र यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने इस परिभाषा और नारे को बदला. मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं- काम किया है काम करेंगे, भूरा बाल साफ नहीं करेंगे.


नाच का अड्डा बन गया था सीएम हाउस
विजेंद्र यादव ने कहा कि बाप, बेटा और मां पूछ रही है कि नीतीश जी 85दिनों से बाहर क्यों नहीं निकले हैं. नीतीश घर में भी हैं तो दिन-रात जनता का काम कर रहे हैं. नाच नहीं देख रहे हैं, पैसे का बैग नहीं वसूल रहे हैं. नचनियों पर पैसा नहीं लूटवा रहे हैं.


विजेंद्र यादव बोले
“उस दौर में सीएम आवास में क्या होता था. झूमर का नाच और हारमोनियम-ढोलक का थाप. संग संग बहे पुरवईया.....लालू यादव नाच देखते थे और अपने समर्थकों से पैसा लूटवाते थे. अब एक अण्णे मार्ग में ये सब नहीं होता है.”


जगदा बाबू मुझे नाच दिखाने ले गये थे
विजेंद्र यादव ने कहा कि लालू-राबडी के राज में एक दिन जगदानंद सिंह उनके पास आये और जबरदस्ती सीएम हाउस चलने को कहा. हमने कहा कि हम नाच देखने नहीं जायेंगे. लेकिन जगदा बाबू ये गये. वहां नाच चल रहा था. संग संग बहे पुरवईया....हम पिशाब करने के बहाने निकले और वहां से भाग खड़े हुए.


विजेंद्र यादव ने कहा कि लौटते वक्त उन्होंने जगदानंद सिंह से पूछा कि सीएम का तनख्वाह कितना होता है. जगदा बाबू बोले की मंत्री से पांच सौ रूपया ज्यादा. फिर मैंने पूछा कि लालू यादव के पास नाच कराने के लिए पैसा कहां से आता है. नाच ही नहीं होता था बल्कि नचनियों पर पैसा लुटवाया जाता था. लालू बोलते थे..ऐ सुभाष, पांच सौ रूपया दे दो. ऐ फलना...एक हजार रूपया दे दो. मैंने उसी दिन कहा था कि लालू यादव एक दिन जेल जायेंगे.


पैसा का बैग सीधे उपर जाता था
विजेंद्र यादव ने कहा कि लालू यादव के समय पैसा का बैग सीएम हाउस में आता था. ये बैग सीधे उपर चला जाता था. भ्रष्ट और बेईमान लोग बैग लेकर आते थे. यही सब होता था एक अण्णे मार्ग में. नीतीश कुमार 85 दिन से घर में रहकर नाच नहीं देख रहे हैं. संग संग बहे पुरवईया नहीं हो रहा है. नीतीश कुमार के आवास में पैसे का बैग नहीं आ रहा है , काम हो रहा है.