सबसे बड़ी सियासी खबर: JDU राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर कल ललन सिंह की ताजपोशी होगी, 6 अगस्त को पटना में अभिनंदन

 सबसे बड़ी सियासी खबर: JDU राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर कल ललन सिंह की ताजपोशी होगी, 6 अगस्त को पटना में अभिनंदन

PATNA : बिहार के सियासी गलियारे से बड़ी खबर सामने आ रही है. जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की ताजपोशी होने जा रही है. दिल्ली में कल यानि शनिवार को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक है, ललन सिंह उसमे अध्यक्ष चुने जायेंगे. वैसे मंत्री बन गये आरसीपी सिंह की इच्छा पद छोड़ने की नहीं है, लेकिन नीतीश कुमार ने ललन सिंह को अध्यक्ष बनाने का फैसला ले लिया है. रातो रात कोई बडा उलटफेर नहीं हुआ तो कल ललन सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिये जायेंगे. 6 अगस्त को पटना में ललन सिंह का अभिनंदन समारोह होगा.


आऱसीपी सिंह हटेंगे
दरअसल नीतीश कुमार ने खुद पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला लागू किया है. इसके तहत ही उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद ही आऱसीपी सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे. अब आऱसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बन गये हैं, लिहाजा उन्हें पद छोडना होगा. हालांकि आऱसीपी सिंह के करीबी बता रहे हैं कि उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने का मन नहीं है लेकिन नीतीश कुमार ने ललन सिंह को अध्य़क्ष बनाने का फैसला ले लिया है.


ललन सिंह को अध्यक्ष बनाना मजबूरी
दरअसल केंद्र में इस दफे मंत्रिमंडल के विस्तार में जेडीयू में खेल होने की चर्चा आम है. कहा ये जा रहा है कि आरसीपी सिंह ने बगैर नीतीश कुमार की मर्जी के ही बीजेपी से डील कर ली. नीतीश कुमार ने बीजेपी से बात करने के लिए अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अधिकृत किया था. राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के तमाम सियासी समीकरणों को ताक पर रख कर खुद मंत्री बन गये. केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में आऱसीपी सिंह के मंत्री बनने के बाद ललन सिंह नाराज थे. सूत्र बताते हैं कि नीतीश ने उन्हें अपनी मजबूरी बतायी. बताया कि कैसे आरसीपी बाबू ने खेल कर दिया.


नाराज ललन सिंह को मनाने के लिए उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया गया है. दरअसल नीतीश कुमार पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से ही अपनी पार्टी का आधार बनाने की जीतोड कोशिश में लगे हैं. इसमें उनके प्रमुख अस्त्र ललन सिंह ही रहे हैं. बिहार में लोजपा के एकमात्र विधाय़क राजकुमार सिंह अगर जेडीयू में शामिल हो गये तो ललन सिंह ने ही मुख्य भूमिका निभायी. चिराग पासवान से बदला चुकाने के लिए जब लोजपा को तोड़ा गया तो भी ललन सिंह ही सारा खेल संभाल रहे थे. ऐसे में अगर ललन सिंह नाराज हो जाते तो नीतीश कुमार के भविष्य के इरादों पर पानी फिर जाना तय था. वहीं नाराज ललन सिंह नीतीश कुमार को क्या क्षति पहुंचा सकते हैं ये सियासी जानकार जानते हैं. लिहाजा एक तरीके से ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना नीतीश कुमार के लिए मजबूरी बन गयी थी.


प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं ललन सिंह
ललन सिंह 2005 में जेडीयू की सरकार बनने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. 2009 तक वे लगातार प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहे. हालांकि 2009 में उनका नीतीश कुमार से विवाद हुआ औऱ उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहने से इंकार कर दिया था. तब विजय चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. नाराज ललन सिंह बाद में पार्टी छोड़ कर भी चले गये थे. लेकिन कई दशकों से नीतीश कुमार के सबसे करीबी माने जाने वाले ललन सिंह पार्टी में फिर लौट कर आये.


कार्यसमिति की बैठक में होगा औपचारिक फैसला
जेडीयू के सूत्र बता रहे हैं कि शनिवार को दिल्ली में होने जा रही जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पेश किया जायेगा. सूत्र बता रहे हैं कि आरसीपी सिंह को ये प्रस्ताव पेश करने को कहा गया है. उसके बाद उन्हें सर्वसम्मति से नया अध्यक्ष चुनने की औपचारिकता निभायी जायेगी. 


6 अगस्त को पटना में अभिनंदन
संसद सत्र होने के कारण ललन सिंह लगातार दिल्ली में ही हैं. शनिवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिये जाने के बाद वे 6 अगस्त को पटना आय़ेंगे. पटना में उनके समर्थकों ने स्वागत की तैयारी शुरू कर दी है. 6 अगस्त को पटना में पार्टी कार्यालय में उनका अभिनंदन समारोह भी होगा.