जेडीयू के कुशवाहा नेताओं ने RCP सिंह को बताया- दरक गया लव-कुश समीकरण, तभी हुई हार, जेडीयू ऑफिस में हुई जातीय बैठक

जेडीयू के कुशवाहा नेताओं ने RCP सिंह को बताया- दरक गया लव-कुश समीकरण, तभी हुई हार, जेडीयू ऑफिस में हुई जातीय बैठक

PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव में लव-कुश समीकरण भी दरक गया. नीतीश कुमार और उनकी पार्टी की करारी हार के लिए सिर्फ चिराग पासवान ही नहीं बल्कि उनके आधार वोटरों की नाराजगी भी जिम्मेवार थी. आंकड़े देखने के बाद बेचैन जेडीयू ने लव-कुश के कुश यानि कुशवाहा वोटरों को दुरूस्त करने की कवायद शुरू की है. पार्टी ने नये राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने आज कुशवाहा नेताओं के साथ लंबी बैठक की. इसमें पार्टी के कुशवाहा विधायकों-विधान पार्षदों के साथ साथ विधानसभा चुनाव में हारे इस जाति के उम्मीदवार भी शामिल थे.


दरक गया लव कुश समीकरण
जेडीयू दफ्तर में बुधवार की सुबह पार्टी के कुशवाहा नेता एक-एक कर पहुंचना शुरू हुए. मंत्रिमंडल से बाहर किये गये मेवालाल चौधरी पहुंचे, फिर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड में चर्चित हुई मंजू वर्मा. चुनाव हार गये पूर्व मंत्री कृष्णनंदन वर्मा के साथ साथ विधान पार्षद सीपी सिन्हा भी बैठक में शामिल होने पहुंचे. कुछ देर बाद आरसीपी सिंह पहुंचे और तकरीबन दो दर्जन नेताओं के साथ बंद कमरे में उनकी बैठक शुरू हो गयी. दो घंटे से ज्यादा समय तक आरसीपी सिंह की बैठक कुशवाहा नेताओं के साथ चलती रही.


बैठक से निकले एक नेता ने बताया कि पार्टी चिंता में है कि विधानसभा चुनाव में लव-कुश समीकरण भी दरक गया. जेडीयू को एक दर्जन से ज्यादा ऐसी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा जहां दूसरी पार्टी के या निर्दलीय खड़ा हुआ कुशवाहा उम्मीदवार ने अच्छे खासे वोट लाये. जेडीयू के कुशवाहा उम्मीदवार के सामने अगर विपक्षी पार्टी का कुशवाहा उम्मीदवार खड़ा हुआ तो भी वोटों का जबरदस्त विभाजन हुआ. कुल मिलाकर कहें तो लव-कुश में से कुश जेडीयू से दूर होता जा रहा है. पार्टी के लिए ये गहरी चिंता की बात है.


जेडीयू के एक नेता ने बताया कि पार्टी के कुशवाहा नेताओं को अपनी जाति के लोगों के बीच जाने को कहा गया है. उन्हें ये मैसेज देने को कहा गया है कि जेडीयू में कुशवाहा तबके को पर्याप्त जगह मिल रही है. सिर्फ मंत्रिमंडल और विधानसभा-विधान परिषद में ही नहीं बल्कि अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी कुशवाहा तबके को पर्याप्त तवज्जों मिल रहा है. ऐसे में कुशवाहा तबके के लिए नीतीश कुमार से नाराज होने का कोई कारण नहीं बनता है.


हालांकि बैठक से निकले नेताओं ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. शिक्षा मंत्री पद से हटाये गये मेवालाल चौधरी ने कहा कि आरसीपी सिंह नये अध्यक्ष बने हैं इसलिए कुशवाहा बिरादरी के लोग उन्हें बधाई देने गये थे. वहीं पूर्व मंजू वर्मा ने कहा कि बैठक में पार्टी की मजबूती पर चर्चा हुई है. नये राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया है कि पार्टी की मजबूती के लिए क्या सब करना है.


गंभीर चिंता में हैं नीतीश
वैसे जेडीयू के अंदरखाने की बात मानें तो नीतीश कुमार कुशवाहा वोटरों के छिटकने से बेहद चिंता में हैं. विधानसभा चुनाव के बाद उपेंद्र कुशवाहा को बुलाकर मुलाकात करने और उन्हें जेडीयू में शामिल होने का ऑफर इसलिए ही दिया गया था. नीतीश कुमार को लग रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा के आने से उनके पास कुशवाहा तबके का बड़ा चेहरा आ जायेगा. जिसके सहारे वे अपने वोट बैंक को फिर से दुरूस्त कर पायेंगे.