इस उम्मीद में हैं तेजप्रताप.. मिलेगा स्वास्थ्य विभाग, छोटे डिपार्टमेंट में दिल लगाकर कर रहे काम

इस उम्मीद में हैं तेजप्रताप.. मिलेगा स्वास्थ्य विभाग, छोटे डिपार्टमेंट में दिल लगाकर कर रहे काम

PATNA : महागठबंधन की नई सरकार में आरजेडी सुप्रीमो के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव का कद पहले से छोटा कर दिया गया। 2015 में तेजप्रताप जब पहली बार विधायक बने और कैबिनेट में उन्हें जगह मिली तो लालू के बड़े लाल ने तीसरे नंबर पर शपथ ली थी। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बाद कैबिनेट में तेजप्रताप का रुतबा तीसरे नंबर पर था। इतना ही नहीं तेजप्रताप को स्वास्थ्य मंत्रालय मिला था लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं। तेजप्रताप यादव अगर लालू यादव के बेटे नहीं होते तो शायद कैबिनेट में जगह मिल पाना भी मुश्किल था। तेजप्रताप की एंट्री भी हुई तो छठे नंबर पर। उन्हें विभाग भी छोटा मिला है। फिलहाल वे वन्य पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आज या कल उन्हें स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी जरूर मिलेगी। दरअसल तेज प्रताप यादव ने कैबिनेट विस्तार के पहले इस बात की इच्छा जताई थी कि उन्हें स्वास्थ्य विभाग दिया जाए। तेजप्रताप पहले भी इस विभाग के मंत्री रह चुके हैं और वह इस महकमे में काफी दिलचस्पी रखते हैं लेकिन तेजप्रताप की यह उम्मीद पूरी नहीं हो पाई। 



कैबिनेट विस्तार के बाद जब विभागों का बंटवारा हुआ तो स्वास्थ्य विभाग तेजप्रताप के छोटे भाई और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पास चला गया। तेजप्रताप को भले ही स्वास्थ्य महकमा नहीं मिला हो लेकिन उन्होंने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है। दरअसल तेजप्रताप यह बात समझ रहे हैं कि स्वास्थ्य महकमा छोटे भाई तेजस्वी के पास है और इसे अपने पाले में करना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं, लेकिन तेजप्रताप को पहले अपने कामकाज से खुद को साबित करना होगा। यही वजह है कि वन एवं पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बावजूद तेजप्रताप पहले दिन से काम में जुट गए हैं। तेजप्रताप ने विभाग की जिम्मेदारी संभालने के बाद लगातार बैठकें की हैं। वह पटना जू तक का मुआयना कर आए हैं। अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए हैं। खास बात यह है कि तेजप्रताप मंत्री के तौर पर इस बार ज्यादा आक्रामक नहीं दिख रहे, उन्होंने बेहद संयमित तरीके से अब तक विभाग में कामकाज की शुरुआत की है। 



तेज प्रताप यादव अपनी छवि को पहले से बेहतर बनाना चाहते हैं। उन्हें मालूम है कि एक गंभीर राजनेता के तौर पर ही वह अपने आप को स्थापित कर सकते हैं। तेज प्रताप ने इसीलिए शायद अपनी कार्यशैली में भी बदलाव किया है। तेज जानते हैं कि अगर स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी चाहिए तो इसके लिए अपने पिता लालू यादव और छोटे भाई तेजस्वी का भरोसा भी जीतना होगा। फिलहाल जो जिम्मेदारी उन्हें मिली है उसी में उन्हें बेहतर प्रदर्शन करना होगा और जब नतीजे सामने आने लगेंगे शायद तभी तेज प्रताप की जिम्मेदारियां भी बढ़ने की उम्मीद है।