इस भीषण त्रासदी में JDU-BJP में ऐसी सियासत: उपेंद्र कुशवाहा ने संजय जायसवाल को दिया जवाब, कहा- सही काम में ऊर्जा लगाइये

इस भीषण त्रासदी में JDU-BJP में ऐसी सियासत: उपेंद्र कुशवाहा ने संजय जायसवाल को दिया जवाब, कहा- सही काम में ऊर्जा लगाइये

PATNA : पूरा बिहार जब कोरोना की भीषण त्रासदी से जूझ रहा है तब बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन की दोनों बडी पार्टियों के बीच अलग किस्म का ही खेल जारी है. बुधवार के दिन में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जेडीयू के कुछ नेताओं पर निशाना साधा था तो अब उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी के अध्यक्ष को जवाब दे दिया है. 


कुशवाहा ने फिर दी संजय जायसवाल को नसीहत
उपेंद्र कुशवाहा ने ट्विटर के जरिये फिर से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को नसीहत दी है. ट्विटर पर उन्होंने लिखा है “जनाब, अभी राजनीतिक मगजमारी नहीं, बल्कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा महामारी के खिलाफ जारी संघर्ष में अपनी ऊर्जा लगाइये.”


अपने ट्विट में उपेंद्र कुशवाहा ने किसी का नाम तो नहीं लिया है लेकिन हर कोई समझ रहा है कि वे किसी नसीहत दे रहे हैं. दरअसल इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने सूबे में लॉकडाउन को लेकर फेसबुक पर पोस्ट लिखा था. उन्होंने बिहार में लॉकडाउन को लेकर राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया था. लेकिन साथ में ये भी लिखा " मेरा नाम लेकर राजनैतिक बयानबाजी करने वाले नेताओं से भी उम्मीद है कि उन्हें जमीनी हकीकत समझ में आ रही होगी”


संजय जायसवाल ने भी किसी का नाम लिये बगैर ये टिप्पणी की थी लेकिन लोगों को समझ में आ गया कि वे किस पर निशाना साध रहे हैं. दरअसल पिछले महीने जब नीतीश सरकार ने बिहार में नाइट कर्फ्यू लगाया था तो संजय जायसवाल ने उससे असहमति जतायी थी. उन्होंने कहा था कि सर्वदलीय बैठक में बीजेपी ने पूर्ण लॉकडाउन या वीकेंड लॉकडाउन की मांग की थी. नाइट कर्फ्यू से बिहार में कोई असर नहीं पडने वाला है. संजय जायसवाल के इस पोस्ट के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने राजनीति नहीं करने की नसीहत दे दी थी. संजय जायसवाल का नाम लिये बगैर जेडीयू के सांसद ललन सिंह और मंत्री संजय कुमार झा ने भी निशाना साधा था. 


अब सवाल ये उठ रहा है कि बिहार जब भीषणतम त्रासदी से जूझ रहा है तो एनडीए के नेता कौन सा खेल खेल रहे हैं. सत्ता में साझीदार दोनों पार्टियों के बीच चल रही नूरा कुश्ती का असर सरकार के कामकाज पर भी पड़ना स्वाभाविक है.