हथियारों की बड़ी डील को पुलिस ने किया फेल, तीन तस्कर अरेस्ट

हथियारों की बड़ी डील को पुलिस ने किया फेल, तीन तस्कर अरेस्ट

MUNGER : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुंगेर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के निर्देश पर मुंगेर पुलिस द्वारा हथियार तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है और पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के निर्देश पर की गई कार्रवाई के दौरान तीन हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. हथियारों की एक बड़ी डील को विफल कर दिया गया.  


पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि कासिम बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत बिच्चा गांव में अवैध हथियारों की एक बड़ी डील होने वाली है तथा कुछ लोग वहां जमा हुए हैं. सूचना के सत्यापन और रेकी के लिए जिला आसूचना इकाई को अलर्ट किया गया. सूचना के सत्यापन और रेकी के बाद जिला आसूचना इकाई द्वारा पुलिस अधीक्षक को जानकारी दी गई. पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह द्वारा छापामारी दल का गठन किया गया. सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नंद जी प्रसाद के नेतृत्व में गठित छापामारी दल में कासिम बाजार थानाध्यक्ष शैलेश कुमार, मुफस्सिल थानाध्यक्ष बृजेश कुमार तथा जिला आसूचना इकाई के जवान शामिल थे. 


बिच्चागांव स्थित अभय कुमार शर्मा के घर हथियारों के डील की सूचना मिली थी जिसके बाद वहां दबिश दी गई. अभय कुमार शर्मा, मोहम्मद परवेज और मिस्टर अराफात को गिरफ्तार किया गया. छापामारी के दौरान पुलिस ने दो देशी राइफल, 5 देशी पिस्तौल, तीन अर्द्ध निर्मित 9 एमएम पिस्टल, दो मैगजीन, एक मैगजीन फार्मा, दो बेस मशीन, 7.65 एमएम की 10 गोलियां बरामद की है. पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अपराधियों ने स्वीकार किया है कि वे लंबे समय से हथियारों की तस्करी करते थे. 


गिरफ्तार अराफात और अभय शर्मा पहले भी जेल जा चुका है. पूछताछ के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि मोहम्मद परवेज हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामानों और गोलियों की आपूर्ति करता था तथा सारे सामान को लाकर अभय शर्मा को देता था. अभय शर्मा अपने साथियों की मदद से हथियार बनाने का काम करता था. तैयार हथियारों को मोहम्मद परवेज और मिस्टर अराफात बेचने का काम करते थे और हथियारों को दूसरों पर ले जाकर बेचा जाता था. 


गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ में कई जानकारियां मिली हैं तथा अन्य कई लोगों के नाम भी सामने आए हैं जिनकी तलाश में पुलिस छापामारी कर रही है. यह भी बताया जाता है कि इन लोगों ने हथियार बनाने के धंधे को दियारा शिफ्ट कर दिया था और कुछ दिनों पहले दियारा में हुई कार्रवाई के बाद वहां से लाकर सामान को अपने घर में छुपाया गया था. पहले से बनाए गए सामानों को ही बेचने की तैयारी चल रही थी लेकिन इसी बीच पुलिस अधीक्षक को सूचना मिल गई और तस्करों की एक बड़ी योजना को पुलिस कार्रवाई में विफल कर दिया गया.