फिर बीजेपी के खिलाफ नीतीश: पेगासस जासूसी कांड पर किया विपक्ष के स्टैंड का समर्थन, कहां- मामले की जांच औऱ बहस दोनों होनी चाहिये

फिर बीजेपी के खिलाफ नीतीश: पेगासस जासूसी कांड पर किया विपक्ष के स्टैंड का समर्थन, कहां- मामले की जांच औऱ बहस दोनों होनी चाहिये

PATNA : बीजेपी को हर रोज मुंह चिढ़ा रहे नीतीश कुमार ने आज फिर अपनी सहयोगी पार्टी को मुश्किल में डाल दिया. नीतीश कुमार ने पेगासस जासूसी कांड में विपक्ष की मांगों का समर्थन करते हुए मामले की जांच कराने औऱ इस पर बहस कराने की मांग कर दी है.नीतीश का ये बयान तब आया है जब पेगासस कांड की जांच औऱ संसद में बहस की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने लगातार संसद की कार्यवाही को बाधित कर रखा है औऱ केंद्र सरकार ने विपक्ष की मांगें मानने से इंकार कर दिया है.


बीजेपी को फिर नीतीश का झटका
पटना में आज मीडिया ने नीतीश से पेगासस टेलीफोन टैपिंग पर नीतीश से सवाल पूछा. कहा-विपक्ष जांच की मांग कर रहा है. उनकी क्या राय है. जवाब में नीतीश बोले“बिल्कुल जांच होनी चाहिये. टेलीफोन टैपिंग की बात इतने दिनों से आ रही है तो इसमे बिल्कुल जांच हो जानी चाहिये. इस पर तो एक-एक चीज देखकर एक-एक बात को ध्यान में रख कर उचित कदम उठाना चाहिये. अगर किसी के फोन को कोई सुन रहा है या फिर उस कब्जा कर रख है तो पूरी बात आनी चाहिये. जब इतने दिनों से लोग बोल रहे हैं तो मेरी समझ से इसकी जांच कर ही लेनी चाहिये.”


किसी का फोन टैपिंग गलत
नीतीश कुमार ने कहा कि पूरी बात सामने आनी ही चाहिये. अगर किसी को परेशान करने के लिए फोन टैपिंग की जा रही है तो इस तरह की चीज नहीं होनी चाहिये. इस मामले की जांच होनी ही चाहिये.


केंद्र सरकार पर भी सवाल
नीतीश से पत्रकारों ने कहा कि केंद्र सरकार जासूसी कराने के आऱोपों से इंकार कर रही है. नीतीश ने कहा कि सरकार इंकार कर रही है लेकिन अगर लोगों को इस बारे में मालूम है तो बात को रखना चाहिये. आखिरकार कैसे ये बाते आ रही हैं. अगर कोई फोन पर बात कर रहा है तो कैसे कोई उसे दूसरा जान जा रहा है. सारे पहलु की जांच होनी चाहिये.


बीजेपी को मुश्किल में डाल रहे नीतीश
गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियां ये आऱोप लगा रहा है कि इजरायल की कंपनी द्वारा बनाये गये पेगासस स्पाइवेयर के जरिये कई राजेनता, पत्रकार, जज औऱ दूसरे प्रमुख लोगों के फोन की जासूसी की गयी. दुनिया के 17 मीडिया घरानों  के एक संगठन ने पिछले महीने ये रिपोर्ट प्रकाशित की थी. पेगासस मामला सामने आने के बाद संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ जिसमें विपक्ष ने जमकर हंगामा किया है. विपक्षी पार्टियां इस मामले की जांच संसदीय कमेटी या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग कर रही हैं.