देशभर में आज मनाया जा रहा बकरीद का त्योहार, जानें क्या है इसके पीछे की कहानी

 देशभर में आज मनाया जा रहा बकरीद का त्योहार, जानें क्या है इसके पीछे की कहानी

PATNA : ईद उल अजहा(बकरीद) गुरुवार को मनाई जा रही है। बकरीद को लेकर मुस्लिम धर्मावलंबियों में काफी उत्साह है। इसको लेकर लोगों ने जमकर कुर्बानी के लिए बकरे की खरीदारी हुई। बाजारों में दिनभर चहल-पहल रही। कुर्बानी के लिए बकरों की खूब खरीदारी हुई। डेढ़ लाख से लेकर 10 हजार रुपये तक का बकरा कुर्बानी के लिए बिका। इसके अलावा लोगों ने अपने जरूरत के अनुसार बकरे की खरीदारी की।


वहीं, बकरीद के मौके पर नमाज अदावगी की बात करें तो गांधी मैदान, जामा मस्जिद 8 बजे , कोतवाली मस्जिद, हाईकोर्ट मस्जिद, हज भवन मस्जिद, सब्जीबाग नई मस्जिद, दरियापुर मस्जिद, फकीरबाड़ा मस्जिद, फुलवारीशरीफ खानकाह मुजीबिय, छोटी खानकाह, शाही संगी मस्जिद, टमटम पड़ाव 745 बजे, हारूण नगर सेक्टर-1मस्जिद, नया टोला जामा  मस्जिद में मुख्य रूप से नवाज पढ़ी जाएगी। 


इसके आलावा बकरीद की खरीदारी को लेकर शहर में काफी लोगों ने सेवईयों की भी जमकर खरीदारी की। वहीं कपड़ों की खरीदारी के लिए भी बाज़ारों में काफी भीड़ उमड़ी। फुलवारीशरीफ, राजा बाजार बकरी मार्केट, बाजार समिति, सब्जीबा़ग आदि में लोग देर तक खरीदारी करते रहे। मालूम हो कि, बकरीद पर कुर्बानी का काफी खास महत्व है। कुर्बानी के बाद जो गोश्त निकलता है, उसे तीन हिस्सों में बांट दिया जाता है। इनमें एक हिस्सा खुद के लिए, एक रिश्तेदारों के लिए और एक गरीबों के लिए होता है। इन हिस्सों को सही से बांटने के बाद ही कुर्बानी का गोश्त जायज माना जाता है। 


आपको बताते चलें कि,  हर साल बकरीद की तारीख धुल हिज्जा महीने के चांद के दिखने पर ही निर्भर करती है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, धुल हिज्जा महीना इस्लाम का 12वां महीना होता है। इस्लामिक मान्यता है कि ये सिर्फ अल्लाह का एक इम्तिहान था। अल्लाह के हुकुम पर हजरत इब्राहिम बेटे को भी कुर्बान करने के लिए तैयार हो गए. इस तरह जानवरों की कुर्बानी की यह परंपरा शुरू हुई।