कंफ्यूज्ड हैं राहुल गांधी, गिरिराज बोले- दादा के मजार पर जाएं या मठ पर नहीं ले पा रहे फैसला

कंफ्यूज्ड हैं राहुल गांधी, गिरिराज बोले- दादा के मजार पर जाएं या मठ पर नहीं ले पा रहे फैसला

PATNA : कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ों यात्रा पर निकले हुए हैं। इसी कड़ी में अब वो जम्मू कश्मीर में इन दिनों अपनी यात्रा कर रहे हैं। इसके बाद उनकी यात्रा उत्तर प्रदेश में होगी। कांग्रेस नेता की यूपी में भारत जोड़ों यात्रा 03 जनवरी से शुरू होने वाली है।  इसको लेकर रुट मैप भी तैयार कर लिया गया है।  वहीं, अब एक बार फिर से राहुल गांधी की इस यात्रा को लेकर फारुख अब्दुला से तरफ से की गई तारीफ़ को लेकर केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि, फारुख अब्दुल्ला को तो अपनी हकीकत मालूम चल गई है। लेकिन, राहुल गांधी को अभी भी समझ नहीं आ रहा है कि वो करना क्या चाहते हैं। 


दरअसल, जम्मू - कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारख अब्दुला ने राहुल गांधी की तुलना शंकराचार्य से करते हुए कहा था कि, सदियों पहले जब सड़क नहीं थी तो  शंकराचार्य ऐसी ही यात्रा पर निकले थे। अब उनके बाद राहुल गांधी ऐसे नेता हैं जो इस तरह की यात्रा पर निकले हैं। अब इसी को लेकर अब आज भाजपा नेता ओर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, फारूक अब्दुल्ला को काफी समय से राजनीति और उम्र का तजुर्बा है।  लेकिन, राहुल गांधी को अभी समझ नहीं आया है कि राहुल गांधी शंकराचार्य के मठ पर जाएंगे या अपने दादाजी के इलाहाबाद वाले मजार पर। 


इसके आलावा उन्होंने गुजरात दंगों पर बीबीसी के द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री पर केंद्र सरकार के तरफ से रोक लगाए जाने पर कांग्रेस के तरफ से किए जा रहे विरोध को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा कि, देश में अब एक एक नई संस्कृति पैदा हुई है। मोदी को गाली देते देते लोग अब देश की संस्कृति पर भी सवाल उठाने लगे हैं।  अब ये लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग को भी गाली दे रहे हैं। 


वहीं, राजद कोटे के मंत्री के तरफ से सवर्णों को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर कहा कि, जो जिस राजनितिक दल में हैं उसका इतिहास रहा है वोट के लिए  समाज को तोड़ना तो वो ऐसा काम हमेशा करते रहते हैं इसमें कोई भी नया बात नहीं है। जहां रामायण, भागवत जैसे पवित्र ग्रंथ है पर विवादित बयान दिया जाता है वहां एक समाज को लेकर इस तरह की बात कही जाए तो अधिक अचरज नहीं होता है। हालांकि, इसके बाद उन्होंने एक बार फिर से यह कहा कि, राजद के किसी भी नेता में हिम्मत है तो मुसलमानों का भी पवित्र ग्रंथ कुरान को लेकर कुछ टिप्पणी करें। इस पर अगर कोई बयान देता है तो सर तन से अलग हो जाएगा। लेकिन,  सनातन पर गाली देने का एक फैशन हो चुका है


इसके आलावा उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि, नीतीश कुमार अब एक लाचार मुख्यमंत्री बन चुके हैं। यह एक मुख्यमंत्री हैं जो अपने मंत्रियों को समझा नहीं पा रहे हैं। तो यही कहा जाएगा कि धृतराष्ट्र के जैसे बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। बिहार में धार्मिक उन्माद पहले यही नीतीश कुमार चाह रहे हैं जनता ही समझेगी।