चुनाव की तैयारी में JDU का सबसे बड़ा डर, विधानसभा सम्मलेन में RCP सिंह ने खोल दिया राज

चुनाव की तैयारी में JDU का सबसे बड़ा डर, विधानसभा सम्मलेन में RCP सिंह ने खोल दिया राज

PATNA : कोरोना संक्रमण के बीच लगातार चुनाव की तैयारी में जुटे जनता दल युनाइटेड का विधानसभा वर्चुअल सम्मेलन जारी है. चार अलग-अलग टीमें हर दिन अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित कर रही हैं. जदयू के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह लगातार चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं. आरसीपी सिंह के अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, लोकसभा सांसद ललन सिंह, बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी समेत अन्य नेता वर्चुअल सम्मेलन के जरिए पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड के लिए एक्टिवेट कर रहे हैं.




18 जुलाई से शुरू हुए विधानसभा वर्चुअल सम्मेलन का सिलसिला अभी जारी रहेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 7 अगस्त को वर्चुअल रैली के जरिए पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं समर्थकों और आम लोगों को संबोधित करने वाले हैं. लिहाजा संगठन के मोर्चे पर आरसीपी सिंह लगातार कार्यकर्ताओं और नेताओं को चार्ज कर रहे हैं लेकिन वर्चुअल सम्मेलन के दौरान आरसीपी सिंह ने जेडीयू का सबसे बड़ा डर जाहिर कर दिया है. विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड का सबसे बड़ा डर जाहिर कर दिया है. विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड को सबसे ज्यादा चिंता किस बात की सता रही है. यह आरसीपी सिंह खुद बयां कर रहे हैं.


आरसीपी सिंह ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को कहा है कि वह सोए पड़े वोटरों को जगाने का काम करें. आरसीपी सिंह हर विधानसभा क्षेत्र के सम्मेलन के दौरान यह कह रहे हैं कि जो वोटर पिछले कुछ अर्से से सरकार या पार्टी को लेकर उदासीन हो गया है. उस तक पहुंचना ही असली चुनौती है. आरसीपी सिंह की मानें तो व्यक्तिगत या फिर किसी अन्य कारणों से कई बार मतदाता एक्टिव नहीं रहता है और अगर ऐसा हुआ तो जेडीयू के लिए यह विधानसभा चुनाव में बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है. ऐसे में जेडीयू नेता अपने कार्यकर्ताओं को यह समझा रहे हैं कि स्लीपिंग मोड में चले गए वोटर्स को एप्रोच करें उनके साथ चाय पिए और लगातार संपर्क में रहे ऐसा करने से सुस्त पड़ चुका मतदाता पार्टी के लिए संजीवनी साबित होगा.


दरअसल जनता दल यूनाइटेड की यह चिंता बेवजह नहीं है. आरसीपी सिंह को यह लग रहा है कि पिछले डेढ़ दशक से नीतीश सरकार का सत्ता में बने रहना, उनके समर्थक वोटरों को सपोर्ट कर सकता है. कई बार समर्थन में खड़े होने के बावजूद मतदाताओं को यह लगता है कि उनके पसंदीदा नेता या पार्टी की सरकार बन रही है और ऐसे में वह चुनाव को लेकर उदासीन हो जाते हैं. अब आरसीपी सिंह को यही डर सता रहा है कि कहीं कोरोना संक्रमण के बीच चुनावी माहौल में उनके वोटर सूत्र ना पड़ जाए, लिहाजा अभी से स्लीपिंग मोड में रहने वाले वोटरों को एक्टिव करने का जिम्मा पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा है.