विधानसभा उपचुनाव में एनडीए को चिराग की जरूरत नहीं: बीजेपी ने कहा- हमारे पार्टनर पशुपति पारस हैं, वे ही जेडीयू के लिए प्रचार करेंगे

विधानसभा उपचुनाव में एनडीए को चिराग की जरूरत नहीं:  बीजेपी ने कहा- हमारे पार्टनर पशुपति पारस हैं, वे ही जेडीयू के लिए प्रचार करेंगे

PATNA : बिहार में बीजेपी और जेडीयू को चिराग पासवान की कोई जरूरत नहीं है. एक बार फिर इसे दोनों पार्टियों ने साफ कर दिया है. बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर आज एनडीए की साझा प्रेस कांफ्रेंस हुई. प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी बोली-हमारे पार्टनर तो पशुपति कुमार पारस हैं. वहीं हमारे लिये काम करेंगे.


दरअसल बिहार में विधानसभा की दो सीटों कुशेश्वरस्थान और तारापुर में उपचुनाव कराने का एलान हो चुका है. 30 अक्टूबर को दोनों सीटों पर वोटिंग होनी है. दोनों जेडीयू की सीटिंग सीट हैं. विधायकों के निधन के कारण वहां उप चुनाव हो रहे हैं. दोनों सीटों पर जेडीयू के उम्मीदवारों के नाम का एलान करने के लिए एनडीए की साझा प्रेस कांफ्रेंस बुलायी गयी थी. वहां बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जनता दल यूनाइटेड के दोनों उम्मीदवारों के नाम का एलान किया.


चिराग की जरूरत नहीं
इस साझा प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया जा रहा था कि इस उप चुनाव को एनडीए साथ मिलकर लड़ेगा. पत्रकारों ने सवाल पूछा कि लोजपा का क्या होगा. जवाब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने दिया-कहा, लोजपा हमारे साथ है. लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस हैं. वे हमारे साथ हैं. इस उप चुनाव में पशुपति पारस जेडीयू के लिए प्रचार करेंगे. संजय जायसवाल ने चिराग पासवान का जिक्र करने तक से इंकार कर दिया.


गौरतलब है कि लोजपा में चाचा-भतीजा के बीच लड़ाई चल रही है. पारस खुद को पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर चुके हैं. चिराग पहले से ही अध्यक्ष हैं. दोनों गुट चुनाव आयोग गये हैं. चुनाव आयोग को तय करना है कि असली अध्यक्ष कौन है. लेकिन चुनाव आयोग के फैसले से पहले ही भाजपा ने ये घोषित कर दिया कि पशुपति कुमार पारस ही लोजपा के अध्यक्ष हैं. चिराग का दावा फर्जी है.


क्या करेंगे चिराग पासवान
सवाल ये उठ रहा है कि चिराग पासवान इस उप चुनाव में क्या करेंगे. हालांकि वे एलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी अपना उम्मीदवार उतारेगी. लेकिन समस्या ये है कि उप चुनाव में आमने सामने की लडाई होती है. ऐसे में चिराग पासवान का उम्मीदवार कोई तीसरा कोण बना पायेगा इसकी संभावना बेहद कम है. उप चुनाव में चिराग के उम्मीदवार को वोट नहीं मिले तो आगे आने वाले समय में उनकी राजनीति बेहद मुश्किल होगी.


हालांकि राजद चिराग पासवान से ये आग्रह कर रहा है कि वे राजद उम्मीदवारों को समर्थन दे दें. जानकार बताते हैं कि खुद तेजस्वी यादव ने चिराग से संपर्क साधा है. लेकिन चिराग खामोश हैं. उनके करीबी बताते हैं कि चिराग पासवान को अभी भी बीजेपी से उम्मीद है. लिहाजा वे राजद से खुलेआम दोस्ती का कोई भी प्रदर्शन करने से परहेज कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी बार-बार उन्हें खारिज कर रही है. फिर भी चिराग कितने दिनों तक बीजेपी से उम्मीद पाल कर रखेंगे ये देखने की बात होगी.