बिहार पुलिस तो शराब ढ़ूढ़ रही है, 14 साल से फरार मोस्ट वाटेंड अपराधी जुलूस लेकर थाने पहुंचा, जिंदाबाद के नारे लगवाये औऱ खुद किया सरेंडर

 बिहार पुलिस तो शराब ढ़ूढ़ रही है, 14 साल से फरार मोस्ट वाटेंड अपराधी जुलूस लेकर थाने पहुंचा, जिंदाबाद के नारे लगवाये औऱ खुद किया सरेंडर

JAMUI: शराब ढ़ूढने में लगी बिहार की पुलिस को मोस्ट वांटेंड अपराधियों की भी खबर लेने की सुध कहां है. ऐसे में दर्जनों संगीन मामलों का आरोपी एक मोस्ट वांटेड अपराधी बकायदा जुलूस के साथ थाने पहुंचा.अपने समर्थकों से जिंदाबाद के नारे लगवाये और फिर खुद ही पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने वाला कुख्यात न सिर्फ बिहार बल्कि पड़ोसी राज्य झारखंड में भी मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शामिल था। 


अपराधी का सरेंडर जुलूस

जमुई का मोस्ट वांटेड अपराधी अनिल तांती ने बुधवार को थाने पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया. अनिल तांती पर रंगदारी, किडनैपिंग, बमबारी के साथ साथ पुलिस हाजत तोड़ कर अपराधियों को भगाने जैसे दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे जमुई जिले के अलग अलग थानों में दर्ज है. इतना ही पड़ोसी राज्य झारखंड के गिरिडीह जिले में भी उसके खिलाफ कई मामले दर्ज है। 


पुलिस रिकार्ड के मुताबिक अनिल तांती पिछले 14 सालों से यानि 2007 से ही फरार है. बुधवार को उसने जमुई थाने पहुंच कर सरेंडर किया. वह अपने दर्जनों समथकों के साथ घर से पैदल निकला. जुलूस में शामिल लोग अनित तांती जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. जुलूस के साथ वह थाना पहुंचा और पुलिस के सामने सरेंडर किया. अनिल तांती जब सरेंडर कर रहा था तब भी उसके समर्थक जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। 


हत्या का डर सता रहा था

कुख्यात अनिल तांती जमुई जिले के कल्याणपुर गांव का रहने वाला है. पिछले 13 साल से फरार था और बंगाल में अपने परिवार के साथ रह रहा था. अनिल तांती ने बताया कि वह पिछले 13 साल से जमुई नहीं आया लेकिन इन दिनों उसके भाई और पिता को निशाना बनाया जा रहा था. कभी पुलिस आकर उन्हें परेशान कर रही थी तो कभी दूसरे अपराधी. अनिल तांती ने कहा कि इस बीच उसे ये भी डर सता रहा था कि उसकी हत्या कर दी जायेगी। 


अनिल तांती ने मीडिया को बताया कि वह 2007 हम जेल से छूटे था लेकिन उसके उपर किडनैपिंग, बमबारी, रंगदारी वसूलने के साथ साथ कोर्ट हाजत से 16 जनवरी 2009 को 11 लड़को को भगाने समेत दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज है. तांती ने बताया कि वह पिछले 5 सालों से सरेंडर का प्लान कर रहा था. 5 साल पहले उसने एक साहब की बातचीत और विचारों को सुनकर आत्मसमर्पण करने का प्लान बनाया था. पांच साल बाद ही सही उसने जमुई थाने में पहुंचकर सरेंडर कर दिया।