जी हां, ये बिहार पुलिस है: सिपाही के साथ हुई लूट तो थानेदार ने FIR दर्ज करने से कर दिया इंकार, आम लोगों का हाल खुद समझ लीजिये

जी हां, ये बिहार पुलिस है: सिपाही के साथ हुई लूट तो थानेदार ने FIR दर्ज करने से कर दिया इंकार, आम लोगों का हाल खुद समझ लीजिये

KAIMUR : बिहार की जिस पुलिस को पीपुल्स फ्रेंडली बनाने के लगातार दावे किये जाते हैं. उसकी ताजा कहानी सुन लीजिये. कैमुर में जब एक सिपाही को लुटेरों ने बीच नेशनल हाइवे पर लूट लिया तो थानेदार ने केस दर्ज करने से इंकार कर दिया. सिपाही गुहार लगाता रहा थानेदार नहीं पिघले. हार कर एसएसपी के पास जाना पड़ा तब केस दर्ज हुआ.


उत्पाद सिपाही के साथ हुई लूट
कैमुर जिले के मोहनिया थाने में ये वाकया हुआ है. उत्पाद विभाग के सिपाही प्रभात कुमार को अपराधियों ने बीच सड़क पर लूट लिया. बाइक पर सवार होकर आये अपराधियों ने हथियार के बल पर सिपाही को अपने कब्जे में लिया औऱ फिर उनकी बाइक के साथ साथ मोबाइल, पर्स, दो हजार रूपये औऱ दूसरे सामान लूट लिये. उत्पाद विभाग के सिपाही प्रभात बक्सर के ब्रह्मपुर के रहने वाले हैं . फिलहाल उनकी पोस्टिंग मोहनिया के चेकपोस्ट पर है. सरकार के मद्यनिषेध विभाग ने शराब की आवाजाही रोकने के लिए वहां चेकपोस्ट बना रखा है, वहीं प्रभात कुमार की तैनाती है.


नेशनल हाइवे पर हुई लूट
सिपाही प्रभात कुमार ने बताया कि पिछले नौ मई को वे अपनी ड्यूटी पर तैनात थे. तबी घर से खबर आयी कि पत्नी की तबीयत बेहद खराब है. इसके बाद वे अपने घर यानि बक्सर के ब्रह्मपुर निकल गये. अगले दिन उनकी ड्यूटी चेकपोस्ट पर नाइट शिफ्ट में थी. नाइट शिफ्ट की ड्यूटी करने के लिए जब वे बाइक से बक्सर के ब्रह्मपुर से मोहनिया आ रहे थे तो रात के लगभग नौ बजे NH-30 पर दादर गांव पास लूटेरों ने उन्हें घेर लिया. सफेद रंग की अपाची बाइक पर सवार तीन अपराधी पीछे से आये औऱ उन्हें ओवरटेक कर अपनी गाड़ी सामने से लगा दिया. सिपाही प्रभात कुमार रूक गये. फिर अपराधियों ने पिस्तौल की नोंक पर उनकी बाइक, मोबाइल, पर्स के साथ साथ दूसरे सामान लूट लिये औऱ निकल भागे.


थानेदार ने कहा- लूट का केस दर्ज नहीं करेंगे
बीच नेशनल हाइवे पर खड़े सिपाही प्रभात कुमार के पास आगे जाने का कोई साधन नहीं बचा. उन्होंने कई गाडियों को रूकवाने की कोशिश की लेकिन कोई रूक ही नहीं रहा था. काफी देर बाद बांस लदा एक ट्रैक्टर रोड पर खडे सिपाही को देख कर रूका. ट्रैक्टर चालक धनंजय यादव ने जब सिपाही प्रभात कुमार की आपबीती सुनी तो उन्हें अपने ट्रैक्टर पर बिठा कर अपने गांव ले गया. वहां से सुबह में उन्हें मोहनिया थाना जाने के लिए वाहन मिला तो वे थाना पहुंचे.


सिपाही प्रभात कुमार ने मोहनिया थाने की पीपुल्स फ्रेंडली पुलिस का असली चेहरा बताया. उन्होंने बताया कि अपने साथ हुए वाकये की जानकारी उन्होंने लिखित तौर पर मोहनिया थाने के थानेदार को दिया. लेकिन थानेदार ने कहा कि वे लूट की प्राथमिकी दर्ज ही नहीं करेंगे. ये लूट नहीं चोरी का मामला है. थानेदार ने सिपाही प्रभात कुमार का केस दर्ज करने से ही इंकार कर दिया.


एसपी के हस्तक्षेप से दर्ज हुआ FIR
सिपाही प्रभात कुमार ने बताया कि गुरुवार को उन्‍होंने एसपी से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी दी. एसपी साहब ने भरोसा दिलाया है कि सिपाही के साथ हुए लूट की प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. उन्होंने मोहनिया थाने को कार्रवाई का भी निर्देश दिया है.