बिहार : मुंगेर से सेना के AK 47 राइफल बरामदगी में आ गया फैसला

बिहार : मुंगेर से सेना के AK 47 राइफल बरामदगी में आ गया फैसला

MUNGER : मुंगेर का बहुचर्चित एके 47 प्रकरण 5 सालों के बाद पुनः सुर्खियों में है. लेकिन इस बार सुर्खियों में इस लिए है कि 5 साल के बाद पहली बार मुंगेर न्यायालय ने कोतवाली थाना कांड संख्या 555/18 में सुनवाई करते हुए एडीजे 7 बिपिन बिहारी रॉय ने 12 अभियुक्तों के खिलाफ अंतिम सुनवाई करते हुए दो अभियुक्त इरशाद और सत्यम को दोषी करार दिया. जिसमें सजा के बिंदु पर अगली तारीख को सुनवाई की जाएगी. तो वहीं साक्ष्य के अभाव में 3 महिला सहित 10 को रिहा कर दिया.  रिहा सभी अभियुक्तों को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा. क्योंकि AK47 मामले में दर्ज अन्य 7 मामलों में भी इन अभियुक्तों का नाम शामिल है.

मुंगेर में कोतवाली कांड संख्या 555/ 18 बहुचर्चित AK47 घातक हथियार मामले में आज पहली बार सत्र वाद संख्या 172/21में  न्यायाधीश बिपिन बिहारी रॉय एडीजे 7 के द्वारा कुल 12 वादियों के आरोपों पर अंतिम सुनवाई की जिसमे दो दोषी करार दिए गए और10 रिहा हुए. जिसमें तीन महिला 7 पुरुष पर. अभी सभी आरोपियों को जेल में रहना पड़ेगा. क्यों की AK47 मामले में कुल 8 मामला दर्ज है और जिसमें 1 मामला एनआईए के पास है. रिहा अभियुक्तों का अन्य केसों में भी नाम शामिल है. दोषियों के खिलाफ सजा के बिंदु पर अगले तारीख में होगी सुनवाई.

आपको बता दें मुंगेर जो की देश के बहार भी अवैध हथियारों की मंडी के रूप में विख्यात है. और पिछले साल मुंगेर में एक - एक करके लगातार जमीन से लेकर कुएं के अंदर और नालों से 22 AK47राइफलों और उसके पार्ट्स  की बरामदगी ने दिल्ली तक की नींद हराम कर दी थी. इस AK47 प्रकरण के जाँच में ये सामने आया की सभी राइफल मध्यप्रदेश एक सीओडी (सेन्ट्रल ओडीनेंस डिपो ) जहाँ सेना के हथियारों को रखा जाता है से गायब है. और इस में सेना के जवान सहित सीओडी के कर्मी और ऑफिसर भी शामिल है. जाँच में खुलासा के बाद बिहार के मुंगेर से लेकर एमपी और झारखण्ड तक पुलिस के द्वारा छापेमारी का शिलशिला शुरू हुआ, जिसमें सेना के जवान, सीओडी के अधिकारी और कर्मी की गिरफ्तारी हुई जब गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिस के समक्ष अपना बयान में सीओडी से करीब 60 से 70 एके 47 राइफलों के गायब होने की बात सामने आई. जिसके बाद पुलिस ने अपनी जाँच आगे बढ़ाई. इस मामले में पुलिस ने जिले के विभिन्न थानों में 8 केस दर्ज की. जिसमें से एक केस की जाँच का जिम्मा को देश की सर्वोच्य जाँच एजेंसी एनआईए को सौपीं गई. और फिर शुरू हुआ गिरफ्तारी का सिलसिला और करीब एनआईए  पुलिस ने इस मामले में 3 दर्जन से ज्यादा अभियुक्तों की गिरफ़्तारी कर जेल भेजने का काम किया. पर पुलिस के द्वारा लाख प्रयास के बावजूद भी 22 से ज्यादा एके 47 राइफलों की बरामदगी नहीं कर सकी. लेकिन बाकी बचे 40 से 50 एके 47 अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है.