बिहार में ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई एक भी मौत, केंद्र के बाद नीतीश सरकार का दावा

बिहार में ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई एक भी मौत, केंद्र के बाद नीतीश सरकार का दावा

PATNA : केंद्र सरकार के बाद अब बिहार में नीतीश सरकार ने दावा किया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बिहार में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है. बिहार के साथ-साथ अन्य चार राज्य सरकारों ने भी दावा किया है कि उनके यहां कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान एक भी मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई है.


केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर भारती प्रवीण पवार के बयान के बाद बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु सरकार ने दावा किया है कि उनके यहां ऑक्सीजन की कमी के कारण एक भी मौत नहीं हुई है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता मंगल पांडेय ने मीडिया से कहा कहा कि हमारे राज्य में ऑक्सीजन की कमी से किसी मरीज की मौत नहीं हुई.


बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ-साथ महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, गुजरात के सीएम विजय रुपाणी, मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी और तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम ने भी इसी बात को दोहराया और कहा कि उनके यहां भी कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई. 


हालांकि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने यह जरूर कहा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण दिल्ली में कई लोगों की जान गई. केंद्र सरकार का यह कहना सरासर झूठ है कि इसकी कमी से किसी की मौत नहीं हुई. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और सूबे के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने सरकार के ऊपर जनता को झूठ बोलकर गुमराह करने का आरोप लगाया है.


बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री  तेजप्रताप यादव ने कहा कि "हम ऐसा कैसे मान लें कि ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई एक भी मौत नहीं हुई है. लगातार लोगों की मौत हुई है. यहां तक की हमारे विधानसभा क्षेत्र हसनपुर में भी ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हुई है. सरकार इसे छिपाने की कोशिश कर रही है. लेकिन छिपाने से कोई भी चीज छिपती नहीं है. जनता भलीभांति जानती है कि किस तरह बिहार के लोगों के साथ, खासकर युवाओं और नौजवानों को ठगा जा रहा है."


तेजप्रताप ने कहा कि "सरकार कह रही है कि ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई एक भी मौत नहीं हुई है. अगर ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों का आंकड़ा निकाला जायेगा तो सरकार की बोलती बंद हो जाएगी. इनकी हेकड़ी निकल जाएगी. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बिलबिलाये हुए हैं. चिल्ला रहे हैं.मंगल पांडेय बताएं कि वे अपने घर से कब निकले हैं."


बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि "कोरोना महामारी के दौरान सत्ताधारी दल के कोई भी नेता-विधायक या मंत्री सड़क पर नहीं उतरे हैं. केवल राष्ट्रीय जनता दल ही एक ऐसी पार्टी थी, जो कोरोना काल में लोगों के बीच जाकर हालचाल लेने का काम कर रही थी. ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई एक भी मौत नहीं हुई है. ये कहना सरासर गलत है."


गौरतलब हो कि सरकार से पूछा गया था कि क्या यह सच है कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सिजन की भारी कमी होने के कारण बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हुई. इसपर सरकार की ओर से स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर भारती प्रवीण पवार ने लिखित जवाब में कहा कि स्वाथ्य राज्यों का विषय है और उनकी ओर से कोविड से हुई मौत की सूचना दी जाती है लेकिन इसमें भी ऑक्सिजन की कमी से किसी मौत की सूचना नहीं है.


सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को सूचित किया दूसरी लहर के दौरान विशेष रूप से राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की भी मौत की जानकारी नहीं दी. उन्होंने कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया ‘‘बहरहाल, कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी.महामारी की पहली लहर के दौरान, इस जीवन रक्षक गैस की मांग 3095 मीट्रिक टन थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई."