बिहार: कभी एक ही घर आई थी दो बहनों की डोली, अब दोनों ने एकसाथ दुनिया को कह दिया अलविदा

बिहार: कभी एक ही घर आई थी दो बहनों की डोली, अब दोनों ने एकसाथ दुनिया को कह दिया अलविदा

SAHARSA: सहरसा में दो बहनों की एकसाथ हुई मौत इलाके के लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गई है। उम्र के लंबे पड़ाव तक जिंदगी जीने वाली दोनों बहनों के लिए यह महज संयोग ही कहें या फिर भगवान लीला कि दोनों बहनों ने एकसाथ दम तोड़ा, दोनों शादी के बंधन में भी एक साथ ही बंधी थीं। मामला पतरघट के धबौली दक्षिणी के कृष्ण बंगला का है।


बताया जा रहा है कि दोनों आपस में चचेरी बहनें थीं। एक 96 वर्षीय मनोरमा देवी और दूसरी बड़ी बहन 100 वर्षीय रामपरी देवी बताई जा रही हैं। मनोरमा देवी के बेटे पंकज ने बताया कि लंबी उम्र के कारण उनकी मां बीमार चल थीं। आखिरकार शनिवार की सुबह उनकी मौत हो गई। छोटी बहन मनोरमा देवी के निधन के बाद बड़ी बहन रामपरी देवी की सांसें भी थम गईँ। दोनों बहनों की एक ही दिन कुछ घंटों के अंतराल में मौत की घटना लोगों में चर्चा का विषय बन गया।


परिजनों के मुताबिक दोनों चचेरी बहनों की शादी धबौली के एक ही परिवार के दो चचेरे भाईयों के साथ एक ही दिन हुई थी। मनोरमा देवी की शादी योगेंद्र नारायण सिंह और रामपरी देवी की शादी शिवदर्शन सिंह से हुई थी। दोनों के पति भी पहले ही इस दुनिया से चल बसे। शादी करीब 90 साल पूर्व होने की बात कही जाती है। हालांकि शादी की स्पष्ट तिथि घर के किसी सदस्यों को मालूम नहीं है।


गांव वालों की मानें तो दोनों बहनों की जहां इस गांव में एक साथ डोली आई थी। अब वापस इसी गांव से दोनों बहनों की एक साथ अर्थी भी उठी। दोनों की मौत के बाद घर से अर्थी पांच मिनट के अंतराल पर निकाली गई और घर से दूर जाने के बाद दोनों एक साथ गांव के ही बगीचे में विधि विधान को उनके बेटे पंकज कुमार पप्पू और रामपरी देवी को उनके बेचे निर्मल कुमार ने मुखाग्नि दी।