' भले ही दर्द कितना हो, रुकना नहीं है ...झुकना नहीं ...', तबीयत बिगड़ने के बाद बोले तेजस्वी ...लक्ष्य प्राप्त किए बिना रुकना मेरे खून में नहीं

' भले ही दर्द कितना हो, रुकना नहीं है ...झुकना नहीं ...', तबीयत बिगड़ने के बाद बोले तेजस्वी ...लक्ष्य प्राप्त किए बिना रुकना मेरे खून में नहीं

PATNA : अररिया में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान तेजस्वी यादव की तबीयत खराब हो गई। पीठ में दर्द की शिकायत के कारण तेजस्वी यादव अपने पैर पर चल भी नहीं पा रहे थे। समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें उनकी कार तक पहुंचाया। उसके बाद अब इस पूरे मामले को लेकर तेजस्वी ने खुद जनता के बीच सारी बातों की जानकारी दी है। तेजस्वी ने कहा है कि भले ही दर्द कितना हो, रुकना नहीं है ...झुकना नहीं ...., .लक्ष्य प्राप्त किए बिना रुकना मेरे खून में नहीं है।


तेजस्वी ने इसको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट साझा किया है। तेजस्वी ने लिखा है कि महीनों से अलट-पलट वाली अथक सामाजिक राजनीतिक यात्रा रही है। आराम के अभाव एवं निरंतर यात्रा के कारण दो हफ़्ते से कमर में हल्का दर्द था, दो दिन से अचानक बढ़ गया।  लेकिन मेरा ये दर्द बिहार के उन करोड़ों बेरोजगार युवाओं की तकलीफ़ के आगे कुछ भी नहीं है जो नौकरी-रोजगार की आस में बैठे हैं जिनके सपनों को विगत 10 वर्षों में धर्म की आड़ में कुचला गया है।


तेजस्वी ने लिखा ही कि मैं अपने दर्द को भूल जाता हूँ जब देखता हूँ कैसे गरीब माताओं-बहनों को महंगाई के कारण रसोई चलाने में भारी पीड़ा का अनुभव होता है। किसान भाइयों को सिंचाई के साधन व फसल का उचित दाम नहीं मिलने तथा संसाधनों के अभाव एवं रोजी-रोटी के लिए लाखों साथियों के पलायन का कष्ट देखता हूँ तो मुझे मेरा दर्द महसूस भी नहीं होता।


 छात्र को पीड़ा हैं क्यूँकि उन्हें अच्छी पढ़ाई नहीं मिल पा रही। बिहार के मेरे बुज़र्गों की पीड़ा है कि उन्हें अच्छी दवाई नहीं मिल पा रही, थाना और ब्लॉक के भ्रष्टाचार से आमजन परेशान है। हर वर्ग को पीड़ा है क्यूँकि उनके अधिकार, उनका न्याय उन्हें नहीं मिल पा रहा है। मैं इन सबों की तकलीफ़ में अपने आप को सांझीदार मानता हूँ। बिहार में NDA सरकार से जनता त्रस्त है। 


ऐसे में यदि मैंने अपनीं पीड़ा की चिंता की और ये कदम रुक गए तो फिर लोगों की उम्मीदें भी बुझ जाएगीं तथा महंगाई, तानाशाही, अत्याचार और अन्याय की आग में बिहार झुलसता रहेगा। इसलिए मैंने तय किया है कि भले ही बाधा कितनी हो, भले ही दर्द कितना हो, रुकना नहीं है, झुकना नहीं है और थकना नहीं है। लक्ष्य की प्राप्ति तक चलते जाना है, बढ़ते जाना है, जीतते जाना है जीताते जाना है। लक्ष्य प्राप्त किए बिना रुकना मेरे खून में नहीं है। 


आपको बताते चलें कि, बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव इन दिनों धुंआधार रैलियां करने में व्यस्त हैं। हालांकि लगातार रैली करने का असर अब उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ने लगा है। शुक्रवार को अररिया में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान उन्हें अचानक पीठ में असहनीय दर्द होने लगा। पीठ में दर्द के कारण तेजस्वी को अपने पैरों पर चल पाने में भी मुश्किल हो रही थी। इसके बाद कार्यकर्ताओं और सुरक्षाकर्मियों की मदद से उन्हें कार तक पहुंचाया गया। तेजस्वी यादव बिना रुके ताबड़तोड़ रैलियां करने में लगे हुए हैं। तेजस्वी प्रतिदिन करीब 5 से 6 रैलियां कर रहे हैं। वह अबतक 90 से अधिक चुनावी रैलियों को संबोधित कर चुके हैं।